रात में पैरों पर तेल लगाने के फायदे: आयुर्वेद क्यों देता है इसकी सलाह? जानें 5 बड़े लाभ और सही तरीका

Is it good to massage feet at night: दिन भर की भागदौड़, ऑफिस का तनाव और अंतहीन जिम्मेदारियों के बाद जब हम रात को बिस्तर पर जाते हैं, तो अक्सर हमारा शरीर थका हुआ और मन बेचैन होता है। ऐसे में एक अच्छी और गहरी नींद पाना किसी से कम नहीं लगता। हमारी दादी-नानी हमेशा रात को सोने से पहले पैरों के तलवों पर गर्म तेल से मालिश करने की सलाह देती थीं। यह एक ऐसा नुस्खा है जिसे हम अक्सर पुरानी बात समझकर नजरअंदाज कर देते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह साधारण सी आदत सिर्फ एक घरेलू नुस्खा नहीं, बल्कि आयुर्वेद की एक शक्तिशाली चिकित्सा पद्धति का हिस्सा है? इस लेख के लिए अपने शोध में, मैंने पाया कि इस परंपरा के पीछे गहरे वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक कारण छिपे हैं, जो आपके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। आइए, एक स्वास्थ्य पत्रकार के दृष्टिकोण से जानते हैं कि रात में पैरों पर तेल लगाने के फायदे क्या हैं और क्यों आयुर्वेदिक एक्सपर्ट इसे “कभी न छोड़ने वाली आदत” बताते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार पैर में तेल की मालिश करने से क्या होता है?
आयुर्वेद में पैरों के तलवों पर तेल से मालिश करने की प्रक्रिया को ‘पादाभ्यंग’ (Padabhyanga) कहा जाता है। यह ‘पद’ (पैर) और ‘अभ्यंग’ (तेल से मालिश) से मिलकर बना है। इसे आयुर्वेद की ‘दिनचर्या’ यानी दैनिक दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण: आयुर्वेद के अनुसार, हमारे पैर शरीर का आधार हैं और इनमें कई महत्वपूर्ण ‘मर्म’ बिंदु (vital points) और तंत्रिका अंत (nerve endings) होते हैं, जो शरीर के विभिन्न अंगों से जुड़े होते हैं। पादाभ्यंग के लाभ मुख्य रूप से ‘वात दोष’ (Vata Dosha) को शांत करने से जुड़े हैं। वात दोष हमारे शरीर में गति, तंत्रिका तंत्र और सूखेपन को नियंत्रित करता है। जब वात असंतुलित होता है, तो चिंता, अनिद्रा, रूखापन और दर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। पैरों पर तेल की मालिश इस वात को शांत करती है।
रात में पैरों पर तेल लगाने के 5 वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक फायदे
आइए अब जानते हैं कि इस प्राचीन पद्धति के वे कौन से फायदे हैं जिन्हें आधुनिक विज्ञान भी मानता है।
1. गहरी और आरामदायक नींद (Deep and Restful Sleep)
यह इसका सबसे बड़ा और तत्काल महसूस होने वाला लाभ है।
- कैसे काम करता है? स्लीप फाउंडेशन (Sleep Foundation) जैसे स्वास्थ्य प्राधिकरण भी मानते हैं कि मालिश शरीर को आराम देने में मदद करती है। पैरों की मालिश हमारे पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम (parasympathetic nervous system) को सक्रिय करती है, जो ‘रेस्ट एंड डाइजेस्ट’ मोड को बढ़ावा देता है। यह तनाव हार्मोन कोर्टिसोल को कम करता है और मन को शांत करता है, जिससे आपको गहरी और अच्छी नींद आती है।

2. तनाव, चिंता और थकान को करे कम (Reduces Stress, Anxiety, and Fatigue)
दिन भर की थकान हमारे पैरों में जमा हो जाती है।
- कैसे काम करता है? पादाभ्यंग पैरों की मांसपेशियों को आराम देता है और रक्त संचार को बढ़ाता है। तलवों में मौजूद तंत्रिका अंत की मालिश से पूरे शरीर में एक शांत और सुखदायक प्रभाव पड़ता है, जिससे मानसिक तनाव कम करने के उपाय में यह बहुत कारगर है।

3. रक्त संचार (Blood Circulation) को दे बढ़ावा
खराब रक्त संचार के कारण पैरों में दर्द, सुन्नपन या ऐंठन हो सकती है।
- कैसे काम करता है? तेल से की गई मालिश त्वचा में गर्मी पैदा करती है और रक्त वाहिकाओं को फैलाती है। इससे पैरों और टांगों में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है, जिससे कोशिकाओं तक अधिक ऑक्सीजन और पोषण पहुंचता है और थकान दूर होती है।
4. फटी एड़ियों और रूखी त्वचा से छुटकारा (Treats Cracked Heels and Dry Skin)
- कैसे काम करता है? यह एक सीधा और स्पष्ट लाभ है। तेल एक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर है। नियमित रूप से तेल लगाने से पैरों की त्वचा, विशेषकर एड़ियों की त्वचा को गहराई से नमी मिलती है। इससे फटी एड़ियों का इलाज होता है और वे नरम और मुलायम बनी रहती हैं।

5. आंखों की रोशनी और सिर दर्द में सहायक (Aids in Eyesight and Headaches)
- कैसे काम करता है? यह एक पारंपरिक आयुर्वेदिक मान्यता है। आयुर्वेद और रिफ्लेक्सोलॉजी (reflexology) के अनुसार, पैर के अंगूठे और तलवों के कुछ बिंदु सीधे हमारी आंखों और सिर से जुड़े होते हैं। इन बिंदुओं की मालिश करने से आंखों की थकान कम होती है और सिर दर्द में भी राहत मिल सकती है। हालांकि, यह चश्मे का नंबर हटाने का उपाय नहीं है, बल्कि एक सुखदायक थेरेपी है।

विशेषज्ञ की राय
“पादाभ्यंग आयुर्वेद की दिनचर्या का एक आधार स्तंभ है। यह केवल एक कॉस्मेटिक प्रक्रिया नहीं है; यह सीधे तौर पर वात को शांत करता है, जो अधिकांश न्यूरोलॉजिकल और दर्द से संबंधित विकारों के लिए जिम्मेदार प्राथमिक दोष है। हर रात सिर्फ 5-10 मिनट की मालिश किसी के भी नींद, तनाव के स्तर और समग्र कल्याण पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।” – वैद्य मीनल शर्मा, B.A.M.S.
क्या आप नाक के ब्लैकहेड्स से परेशान हैं? जानिए कारण और 6 असरदार देसी नुस्खे।
काले होंठों को बनाएं नेचुरली गुलाबी सिर्फ चुकंदर और घी की मदद से : जानिए आसान और असरदार तरीका
कौन सा तेल है बेस्ट और मालिश का सही तरीका क्या है? (Best oil for massage)
एक आम सवाल जो पाठक अक्सर पूछते हैं, “किस तेल का उपयोग करें?”
- तेल का चुनाव:
- सरसों का तेल: यह तासीर में गर्म होता है और सरसों का तेल की मालिश जोड़ों के दर्द और रक्त संचार के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है।
- तिल का तेल: इसे आयुर्वेद में वात को शांत करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यह त्वचा में गहराई तक जाता है और पोषण देता है।
- नारियल का तेल: इसकी तासीर ठंडी होती है। यह जलन या बहुत अधिक गर्मी महसूस होने पर फायदेमंद है।
- देसी घी: गाय का घी भी एक उत्कृष्ट विकल्प है, यह त्वचा को पोषण देता है और शांत करता है।
मालिश की सही विधि:
- एक आरामदायक जगह पर बैठ जाएं।
- एक कटोरी में थोड़ा सा तेल लेकर उसे हल्का गुनगुना कर लें।
- तेल को अपने पूरे पैर, यानी तलवों, एड़ी, टखने और उंगलियों पर अच्छी तरह लगाएं।
- अपने अंगूठों से तलवों पर गोलाकार गति में धीरे-धीरे दबाव डालते हुए मालिश करें।
- एड़ी, टखने और हर उंगली की अलग-अलग मालिश करें।
- यह प्रक्रिया हर पैर पर 5-10 मिनट तक करें।
- मालिश के बाद, आप चाहें तो पुराने मोजे पहन सकते हैं ताकि चादर पर तेल के दाग न लगें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
मुझे कितने समय तक मालिश करनी चाहिए?
प्रत्येक पैर पर 5 से 10 मिनट की मालिश भी अत्यधिक फायदेमंद होती है।
क्या मैं यह मालिश सुबह कर सकता हूँ?
हाँ, आप कर सकते हैं। सुबह की मालिश आपको दिन भर ऊर्जावान महसूस करा सकती है। लेकिन विशेष रूप से आरामदायक नींद को बढ़ावा देने के लिए इसे रात में करने की सलाह दी जाती है।
मेरे पैर में एक मेडिकल स्थिति के कारण दर्द है। क्या यह मदद करेगा?
यह मांसपेशियों की soreness से अस्थायी राहत प्रदान कर सकता है। लेकिन प्लांटर फैसीसाइटिस (plantar fasciitis) या गठिया जैसी स्थितियों से होने वाले दर्द के लिए, आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। यह मालिश एक सहायक चिकित्सा है, इलाज नहीं।
निष्कर्ष
रात में पैरों पर तेल से मालिश करने की यह सरल सी आदत, जिसे आयुर्वेद में ‘पादाभ्यंग’ कहा जाता है, एक शक्तिशाली सेल्फ-केयर अनुष्ठान है, जिसे प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विज्ञान दोनों का समर्थन प्राप्त है। रात में पैरों पर तेल लगाने के फायदे बेहतर नींद, कम तनाव, बेहतर रक्त संचार और नरम त्वचा के रूप में मिलते हैं।
हमारी व्यस्त जिंदगी में, अपने लिए सिर्फ 10 मिनट निकालना आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में एक बड़ा निवेश हो सकता है। तो, आज ही इस शांत और सुखदायक परंपरा को फिर से खोजें और एक अधिक शांतिपूर्ण और स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाएं।
इसे भी पढ़े: लंबी और घनी पलकों के घरेलू उपाय: जानिए क्या है इन नुस्खों की सच्चाई और इस्तेमाल का सुरक्षित तरीका