मानसून में भुट्टा क्यों खाना चाहिए? जानिए इम्यूनिटी से लेकर वजन घटाने तक 5 बड़े फायदे

मानसून की पहली फुहारें जब तपती धरती पर पड़ती हैं, तो एक खास सुगंध हवा में घुल जाती है। इसी मौसम में सड़क के किनारे कोयले की आंच पर सिंकते भुट्टों की महक हमें अपनी ओर खींच लेती है। नींबू और मसाले से लिपटा यह गर्मागर्म भुट्टा सिर्फ स्वाद में ही लाजवाब नहीं है, बल्कि सेहत का एक ऐसा खजाना है जिसे खासकर बारिश के मौसम में खाना बहुत फायदेमंद हो सकता है। इस लेख के लिए अपने शोध में, मैंने पाया कि भुट्टा खाने से आपकी इम्यूनिटी मजबूत हो सकती है और यह वजन नियंत्रित करने में भी आपकी मदद कर सकता है। आइए, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और अध्ययनों के आधार पर जानते हैं कि इस मौसम में भुट्टा खाना क्यों जरूरी है और इससे सेहत को कौन-से बड़े फायदे मिल सकते हैं।
मानसून और भुट्टा: एक पारंपरिक और सेहतमंद रिश्ता
भारत में मानसून और भुट्टे का संबंध दशकों पुराना है। यह सिर्फ एक स्नैक नहीं, बल्कि एक भावना है। लेकिन इस पारंपरिक स्वाद के पीछे गहरा विज्ञान छिपा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून अपने साथ कई तरह के संक्रमण और बीमारियां लेकर आता है, जैसे कि सर्दी-जुकाम और फ्लू। ऐसे में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी का मजबूत होना बहुत जरूरी है। भुट्टा, जिसे मक्का भी कहा जाता है, कई ऐसे पोषक तत्वों से भरपूर है जो इस मौसम में हमारी सेहत की ढाल बन सकते हैं। यह न केवल हमारी इम्यूनिटी को सहारा देता है, बल्कि पाचन को सुधारने और ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
भुट्टे में छिपे पोषक तत्वों का खजाना
यह समझना महत्वपूर्ण है, जैसा कि प्रमुख अध्ययनों से पता चलता है, कि भुट्टा सिर्फ कार्बोहाइड्रेट का स्रोत नहीं है। यह विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर का एक पावरहाउस है। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (USDA) के फूडडाटा सेंट्रल के अनुसार, 100 ग्राम उबले हुए पीले मक्के में आमतौर पर ये पोषक तत्व पाए जाते हैं:
- कैलोरी: लगभग 96 kcal
- फाइबर: लगभग 2.7 ग्राम
- प्रोटीन: लगभग 3.4 ग्राम
- विटामिन C: दैनिक जरूरत का लगभग 11%
- मैग्नीशियम: दैनिक जरूरत का लगभग 9%
- विटामिन B6: दैनिक जरूरत का लगभग 8%
- एंटीऑक्सीडेंट्स: इसमें ल्यूटिन (Lutein) और ज़ीज़ैंथिन (Zeaxanthin) जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं।
ये सभी पोषक तत्व मिलकर इसे एक बेहतरीन इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फूड्स में से एक बनाते हैं।

बारिश में भुट्टा खाने के फायदे: 5 प्रमुख लाभ
आइए अब विस्तार से जानते हैं कि मानसून में भुट्टा खाने से सेहत को कौन-से पांच मुख्य फायदे मिलते हैं।
1: इम्यूनिटी को मिलती है मजबूती
मानसून के दौरान हमारा शरीर संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होता है। भुट्टे में मौजूद विटामिन C एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो इम्यून सेल्स के फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करता है। हेल्थलाइन (Healthline) जैसे प्रतिष्ठित स्वास्थ्य पोर्टल्स पर प्रकाशित जानकारी के अनुसार, विटामिन C सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को प्रोत्साहित करने में मदद कर सकता है, जो शरीर को संक्रमण से बचाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, इसमें मौजूद विटामिन A भी इम्यून सिस्टम को रेगुलेट करने में एक अहम भूमिका निभाता है। इसलिए, बारिश में भुट्टे का सेवन आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्राकृतिक रूप से मजबूत करने का एक स्वादिष्ट तरीका है।
2: वजन प्रबंधन में है मददगार
जो लोग अपने वजन को लेकर सचेत हैं, उनके लिए भुट्टा एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह एक अच्छा वजन घटाने के लिए आहार का हिस्सा बन सकता है। भुट्टे में अघुलनशील फाइबर (Insoluble Fiber) की अच्छी मात्रा होती है। क्लीवलैंड क्लिनिक (Cleveland Clinic) के विशेषज्ञों के अनुसार, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराते हैं, जिससे बार-बार खाने की इच्छा कम होती है और कैलोरी का सेवन नियंत्रित रहता है। जब आप भुट्टे को भूनकर या उबालकर खाते हैं (बिना ढेर सारे मक्खन के), तो यह एक कम कैलोरी वाला संतोषजनक स्नैक बन जाता है।
3: पाचन तंत्र को रखता है दुरुस्त
बारिश के मौसम में अक्सर पाचन संबंधी समस्याएं, जैसे अपच या कब्ज, बढ़ जाती हैं। भुट्टे के स्वास्थ्य लाभ में एक बड़ा फायदा इसका पाचन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव है। इसमें मौजूद डाइटरी फाइबर आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है और मल त्याग को नियमित करने में मदद करता है। एक स्वस्थ पाचन तंत्र न केवल आपको आरामदायक महसूस कराता है, बल्कि यह पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण और समग्र स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है।
“मकई में मौजूद फाइबर प्रीबायोटिक के रूप में काम कर सकता है, जो आपकी आंत में मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया को पोषण देता है। एक स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है।” – [डॉ. अंजलि शर्मा], [पंजीकृत आहार विशेषज्ञ], [दिल्ली न्यूट्रिशन सेंटर]
4: आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद
भुट्टे का चमकीला पीला रंग कैरोटीनॉयड (Carotenoids) नामक कंपाउंड्स से आता है, विशेष रूप से ल्यूटिन और ज़ीज़ैंथिन से। नेशनल आई इंस्टीट्यूट (National Eye Institute) जैसे प्रमुख संस्थानों के शोध से पता चलता है कि ये एंटीऑक्सीडेंट्स आंखों के स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। ये आंखों के मैक्युला (Macula) में जमा होते हैं और उन्हें हानिकारक नीली रोशनी (Blue Light) से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। नियमित रूप से इनका सेवन उम्र से संबंधित मैक्युलर डिजनरेशन (AMD) और मोतियाबिंद के खतरे को कम कर सकता है।
5: ऊर्जा का एक बेहतरीन स्रोत
मानसून की सुस्ती और आलस को दूर भगाने के लिए शरीर को सही ऊर्जा की आवश्यकता होती है। भुट्टा कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट का एक बड़ा स्रोत है, जो धीरे-धीरे पचते हैं और शरीर को लंबे समय तक स्थिर ऊर्जा प्रदान करते हैं। यह आपको अचानक होने वाले एनर्जी क्रैश से बचाता है, जो अक्सर मीठे या प्रोसेस्ड स्नैक्स खाने के बाद होता है। काम के बीच में या शाम के समय एक भुट्टा खाना आपको तरोताजा और ऊर्जावान महसूस करा सकता है।

भुट्टा खाते समय क्या सावधानियां बरतें?
हालांकि बारिश में भुट्टा खाने के फायदे अनेक हैं, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- स्वच्छता: हमेशा साफ जगह से ही भुट्टा खरीदें। सुनिश्चित करें कि विक्रेता स्वच्छ हाथों से और साफ कोयले का उपयोग कर रहा हो।
- मसाले और मक्खन: स्वाद बढ़ाने के लिए बहुत अधिक नमक, मसाला या मक्खन का उपयोग करने से बचें। ये अतिरिक्त कैलोरी और सोडियम जोड़ते हैं। नींबू का रस एक स्वस्थ विकल्प है।
- मात्रा: किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं होती। भुट्टा फाइबर से भरपूर होता है, इसलिए एक बार में बहुत अधिक खाने से कुछ लोगों को पेट फूलने या गैस की समस्या हो सकती है। संतुलन महत्वपूर्ण है।
- मधुमेह रोगी ध्यान दें: एक आम सवाल जो पाठक अक्सर पूछते हैं, वह है कि क्या डायबिटीज के मरीज भुट्टा खा सकते हैं। भुट्टे में कार्बोहाइड्रेट होता है जो ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (ADA) के अनुसार, मधुमेह वाले लोग मकई खा सकते हैं, लेकिन उन्हें अपने पोर्शन साइज पर ध्यान देना चाहिए और इसे अपने भोजन योजना में शामिल करना चाहिए। बेहतर होगा कि वे इस बारे में अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सलाह लें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न/उत्तर
भुट्टा खाने का सबसे सेहतमंद तरीका कौन सा है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, भुट्टे को भूनकर (रोस्टेड) या उबालकर (बॉइल्ड) खाना सबसे सेहतमंद तरीका है। इन तरीकों में अतिरिक्त तेल या वसा का इस्तेमाल नहीं होता।
क्या डिब्बाबंद (canned) कॉर्न भी उतना ही फायदेमंद है?
ताजा भुट्टा हमेशा सबसे अच्छा विकल्प होता है। डिब्बाबंद कॉर्न में अक्सर अतिरिक्त नमक या चीनी मिलाई जाती है। यदि आप इसका उपयोग कर रहे हैं, तो बिना नमक या चीनी वाले विकल्प चुनें और उपयोग से पहले दानों को पानी से अच्छी तरह धो लें।
एक दिन में कितना भुट्टा खाना सुरक्षित है?
एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति के लिए एक दिन में एक मध्यम आकार का भुट्टा खाना पर्याप्त और सुरक्षित माना जाता है। यह आपकी कुल दैनिक कैलोरी और पोषण संबंधी आवश्यकताओं पर भी निर्भर करता है।