Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
lifestyle

क्या रोटी को दोबारा गर्म कर खाना चाहिए? आयुर्वेदिक न्यूट्रिशनिस्ट और मॉडर्न साइंस में जानें कौन सही।

kya roti ko garam karna bar bar sahi hai

हर भारतीय घर में यह एक आम दृश्य है – रात के खाने के बाद कुछ रोटियां बच जाती हैं, जिन्हें हम सुबह नाश्ते में गर्म करके खा लेते हैं। यह एक सुविधाजनक और अन्न का सम्मान करने वाली आदत है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है। लेकिन अक्सर हमारे मन में यह सवाल उठता है कि क्या यह आदत सेहत के लिए सही है? बड़े-बुजुर्ग अक्सर बासी भोजन खाने से मना करते हैं, जबकि कुछ लोग कहते हैं कि बासी रोटी के अपने फायदे हैं। आखिर सच क्या है?

इस लेख के लिए अपने शोध में, मैंने इस सदियों पुराने सवाल की तह तक जाने की कोशिश की है। एक स्वास्थ्य पत्रकार के रूप में, मैंने इस विषय को दो अलग-अलग दृष्टिकोणों से देखा है – पहला, आयुर्वेद के अनुसार भोजन का सिद्धांत क्या कहता है, और दूसरा, आधुनिक पोषण विज्ञान इस बारे में क्या सोचता है। रोटी को दोबारा गर्म करना सही है या गलत, इसका जवाब सीधा ‘हां’ या ‘नहीं’ में नहीं है। आइए, दोनों पहलुओं को विस्तार से समझते हैं ताकि आप अपने और अपने परिवार के लिए एक सूचित निर्णय ले सकें।

‘ताजा भोजन’ क्यों है जरुरी

आयुर्वेद, भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति, भोजन को सिर्फ पेट भरने का साधन नहीं, बल्कि शरीर को ऊर्जा और जीवन शक्ति (प्राण) देने वाला मानती है।

  • ताजा भोजन है सात्विक: आयुर्वेद के अनुसार, बनने के 3-4 घंटे के भीतर खाया गया गर्म और ताजा भोजन ‘सात्विक’ होता है। यह भोजन शरीर को पोषण देता है, पचने में आसान होता है और मन में सकारात्मकता लाता है।
  • बासी भोजन है तामसिक: जब भोजन 4 घंटे से अधिक पुराना हो जाता है, तो उसे ‘तामसिक’ माना जाता है। आयुर्वेद का मानना है कि ऐसा भोजन भारी, शुष्क और अपनी जीवन शक्ति खो चुका होता है।
  • अग्नि और आम का सिद्धांत: आयुर्वेद के अनुसार, हमारी पाचन शक्ति को ‘अग्नि’ कहा जाता है। तामसिक भोजन हमारी अग्नि को मंद कर सकता है, जिससे भोजन ठीक से पचता नहीं है। यह अधपचा भोजन शरीर में ‘आम’ (विषाक्त पदार्थ) का निर्माण करता है, जिसे कई बीमारियों की जड़ माना जाता है।
  • दोबारा गर्म करने पर: जब बासी यानी तामसिक भोजन को दोबारा गर्म किया जाता है, तो आयुर्वेद का मानना है कि यह उसके गुणों को और भी कम कर देता है और उसे पचाना और भी मुश्किल बना देता है।

संक्षेप में, आयुर्वेदिक दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से ताजे पके हुए भोजन के सेवन की सलाह देता है और बासी भोजन, विशेष रूप से दोबारा गर्म किए गए भोजन से बचने के लिए कहता है।

fresh khana khane ke fayde

आधुनिक विज्ञान की नजर से: ‘रेजिस्टेंट स्टार्च’ का जादू

अब सिक्के के दूसरे पहलू को देखते हैं। आधुनिक पोषण विज्ञान भोजन को पोषक तत्वों – कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन और खनिजों के रूप में देखता है। इस दृष्टिकोण से, जब रोटी बासी होती है, तो उसमें एक बहुत ही रोचक और फायदेमंद बदलाव होता है।

  • क्या है रेजिस्टेंट स्टार्च?: रोटी, चावल और आलू जैसे स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों को जब पकाया जाता है और फिर ठंडा होने दिया जाता है, तो उनके अंदर मौजूद कुछ स्टार्च ‘रेजिस्टेंट स्टार्च’ (Resistant Starch) में बदल जाते हैं। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह स्टार्च हमारी छोटी आंत में पचता नहीं है (resists digestion)।
  • रेजिस्टेंट स्टार्च के फायदे:
    1. ब्लड शुगर के लिए बेहतर: चूंकि यह पचता नहीं है, इसलिए यह ब्लड शुगर के स्तर को तेजी से नहीं बढ़ाता। इसलिए, बासी रोटी खाने के फायदे मधुमेह के रोगियों या जो लोग अपना ब्लड शुगर नियंत्रित करना चाहते हैं, उनके लिए अधिक हो सकते हैं।
    2. आंत के स्वास्थ्य के लिए उत्तम: यह बिना पचे बड़ी आंत में पहुंचता है, जहां यह एक ‘प्रीबायोटिक’ के रूप में काम करता है। यह हमारी आंत में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया का भोजन बनता है, जिससे आंत का स्वास्थ्य सुधरता है।
    3. वजन प्रबंधन में मददगार: रेजिस्टेंट स्टार्च आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे आप कम खाते हैं और यह वजन प्रबंधन में मदद करता है।
  • दोबारा गर्म करने पर क्या होता है?: जब आप रेजिस्टेंट स्टार्च वाली रोटी को दोबारा गर्म करते हैं, तो इसका कुछ हिस्सा वापस सामान्य स्टार्च में बदल जाता है, लेकिन एक महत्वपूर्ण मात्रा फिर भी बची रहती है। यानी, दोबारा गर्म की गई रोटी में भी ताजी रोटी की तुलना में अधिक रेजिस्टेंट स्टार्च होता है।
  • पोषक तत्वों का नुकसान: हालांकि, यह भी सच है कि भोजन को बार-बार गर्म करने से कुछ गर्मी के प्रति संवेदनशील विटामिन, जैसे विटामिन B1 और फोलिक एसिड, की थोड़ी मात्रा नष्ट हो सकती है।
Rotiya bar bar sukhti hai to apnaye ye tarike 24 ghante tak roti rahegi mulayam

विशेषज्ञ की राय

"आयुर्वेद का ताजे भोजन पर जोर 'प्राण' और पाचन सुगमता को अधिकतम करने के लिए है, जो कमजोर 'अग्नि' वालों के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए, विशेष रूप से जो ब्लड शुगर के बारे में चिंतित है, बासी रोटी में मौजूद रेजिस्टेंट स्टार्च फायदेमंद हो सकता है। कुंजी अपने शरीर को जानने में है। अगर आपको दोबारा गर्म की गई रोटी खाने के बाद भारीपन या सूजन महसूस होती है, तो आपका शरीर आपको बता रहा है कि ताजे भोजन पर टिके रहें।" - डॉ. विनीता चौहान, आयुर्वेदिक न्यूट्रिशनिस्ट]

रोटी को दोबारा गर्म करके खाएं या नहीं?

एक आम सवाल जो पाठक अक्सर पूछते हैं, वह यह है कि इन दो अलग-अलग दृष्टिकोणों के बीच में क्या रास्ता निकालें? इसका जवाब आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति और लक्ष्यों पर निर्भर करता है।

  • यदि आपकी पाचन शक्ति कमजोर है: अगर आपको अक्सर गैस, सूजन या अपच की समस्या रहती है, तो आपके लिए आयुर्वेद की सलाह का पालन करना और हमेशा ताजा पकी हुई रोटी खाना सबसे अच्छा है।
  • यदि आपको मधुमेह है या आप वजन कम कर रहे हैं: आपके लिए बासी (ठंडी) या हल्के से दोबारा गर्म की गई रोटी एक बेहतर विकल्प हो सकती है, क्योंकि इसमें मौजूद रेजिस्टेंट स्टार्च आपके ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और आपको भरा हुआ महसूस कराने में मदद करेगा।
  • यदि आप पूरी तरह से स्वस्थ हैं: एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति के लिए, रोटी को दोबारा गर्म करके खाने से कोई खास नुकसान नहीं है। सुविधा और अन्न की बर्बादी से बचने के लिए ऐसा करना पूरी तरह से ठीक है।

रोटी को दोबारा गर्म करने का सही और सुरक्षित तरीका

यदि आप रोटी को दोबारा गर्म कर रहे हैं, तो इन तरीकों का पालन करें:

  1. तवे पर गर्म करें (सबसे अच्छा तरीका): तवे को धीमी आंच पर गर्म करें। रोटी पर पानी के कुछ छींटे मारें या थोड़ा घी लगाएं और उसे दोनों तरफ से धीरे-धीरे सेंक लें। इससे रोटी नरम हो जाएगी।
  2. सीधी आंच पर न सेंकें: रोटी को बहुत देर तक सीधी तेज आंच पर सेंकने से बचें। उच्च तापमान पर कार्बोहाइड्रेट के जलने से कुछ हानिकारक यौगिक बन सकते हैं।
  3. माइक्रोवेव का प्रयोग: यह सबसे तेज तरीका है, लेकिन इससे रोटी अक्सर रबड़ जैसी या सूखी हो जाती है। यदि माइक्रोवेव कर रहे हैं, तो रोटी को एक नम कागज़ के तौलिये में लपेटकर कुछ सेकंड के लिए ही गर्म करें।
is it ok to reheat roti again

गुड़ का पानी पीने के 4 फायदे: ‘बॉडी डिटॉक्स’ से लेकर ‘खून बढ़ाने’ तक, जानें सच्चाई और सही तरीका

जामुन ही नहीं, इसकी गुठली भी है ‘अमृत’: जानिए इसके पाउडर के फायदे और बनाने की विधि

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

बासी रोटी और दोबारा गर्म की गई रोटी में क्या अंतर है?

बासी’ रोटी उस ठंडी अवस्था को कहते हैं जिसमें रेजिस्टेंट स्टार्च बन चुका होता है। ‘दोबारा गर्म की गई’ रोटी वह है जिसे फिर से गर्म किया गया हो। गर्म करने पर कुछ रेजिस्टेंट स्टार्च वापस सामान्य स्टार्च में बदल सकता है, लेकिन फिर भी इसमें ताजी रोटी से ज्यादा रेजिस्टेंट स्टार्च रहता है।

क्या बासी रोटी को दूध में भिगोकर खाना फायदेमंद है?

जी हाँ, यह एक पारंपरिक और बहुत ही पौष्टिक नाश्ते का विकल्प है। इससे रोटी नरम और सुपाच्य हो जाती है। दूध और रोटी का यह संयोजन कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है।

रोटी को कितनी देर बाद बासी माना जाता है?

आयुर्वेद के अनुसार, भोजन बनने के 3-4 घंटे बाद बासी हो जाता है। खाद्य सुरक्षा विज्ञान के अनुसार, यदि रोटी को फ्रिज में ठीक से संग्रहीत किया जाता है, तो यह 24 से 48 घंटे तक खाने के लिए सुरक्षित रहती है।

निष्कर्ष:

रोटी को दोबारा गर्म करना सही है या गलत, इस बहस का कोई एक विजेता नहीं है। दोनों दृष्टिकोणों, आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान, के पास अपने मजबूत तर्क हैं। आयुर्वेद भोजन के सूक्ष्म ऊर्जावान पहलुओं और पाचन पर ध्यान केंद्रित करता है, जबकि विज्ञान उसके रासायनिक और पोषण संबंधी पहलुओं पर।

अंतिम निर्णय आपका व्यक्तिगत होना चाहिए। अपने शरीर को सुनें। देखें कि आपको क्या महसूस होता है। अगर आपको दोबारा गर्म की गई रोटी खाने में कोई समस्या नहीं होती है, तो आप निश्चित रूप से अन्न बर्बाद होने से बचा सकते हैं। और अगर आपको ताजा भोजन ही सबसे अच्छा लगता है, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे उत्तम मार्ग है। महत्वपूर्ण यह है कि आप कठोर नियमों का पालन करने के बजाय एक सूचित और संतुलित निर्णय लें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button