
भारतीय रसोई की कल्पना बिना तेल और घी के नहीं की जा सकती। दाल में तड़के से लेकर पूड़ी तलने तक, और रोटी पर चुपड़ने से लेकर मिठाइयां बनाने तक, ये दोनों हमारी पाक कला और संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा हैं। लेकिन जब बात सेहत की आती है, तो अक्सर यह बहस छिड़ जाती है कि तेल और घी में क्या बेहतर है? खासकर लिवर के स्वास्थ्य को लेकर यह दुविधा और भी बढ़ जाती है।
आज के समय में जब फैटी लिवर की समस्या आम होती जा रही है, तो यह जानना बेहद ज़रूरी हो जाता है कि हमारी रसोई में इस्तेमाल होने वाला फैट हमारे लिवर पर कैसा असर डालता है। इस लेख के लिए अपने शोध में, मैंने पाया कि इसका जवाब हां या ना में नहीं, बल्कि फैट के प्रकार और उसकी मात्रा को समझने में छिपा है। आइए, एक स्वास्थ्य पत्रकार के दृष्टिकोण से इस कन्फ्यूजन को दूर करें और जानें कि लिवर को स्वस्थ रखने के उपाय (Liver ko healthy kese rakhe) के तौर पर आपको तेल और घी में से किसे और कैसे चुनना चाहिए।
फैट और आपका लिवर: पहले इस कनेक्शन को समझे
इससे पहले कि हम तेल और घी की तुलना करें, यह जानना जरूरी है कि लिवर और फैट का रिश्ता क्या है। लिवर हमारे शरीर की सबसे बड़ी फैक्ट्री है, और इसका एक मुख्य काम फैट को मेटाबोलाइज (metabolize) करना यानी पचाना और प्रोसेस करना है।
जब हम अपनी ज़रूरत से ज़्यादा कैलोरी, खासकर फैट और कार्बोहाइड्रेट खाते हैं, तो लिवर इस अतिरिक्त फैट को अपनी कोशिकाओं में जमा करना शुरू कर देता है। जब यह जमाव बहुत अधिक हो जाता है, तो उस स्थिति को नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (Non-alcoholic fatty liver disease – NAFLD) कहते हैं। क्लीवलैंड क्लिनिक (Cleveland Clinic) के अनुसार, अगर इसे नियंत्रित न किया जाए, तो यह लिवर में सूजन (हेपेटाइटिस), घाव (फाइब्रोसिस) और यहां तक कि लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
लिवर के लिए क्या सही है? जाने सैचुरेटेड और अनसैचुरेटेड फैट ((Oil vs Ghee For Liver Health)
लिवर के लिए क्या सही है, यह जानने के लिए हमें फैट्स के प्रकार को समझना होगा।
- सैचुरेटेड फैट (Saturated Fat): यह फैट कमरे के तापमान पर ठोस रहता है। घी, मक्खन, नारियल तेल और रेड मीट में यह पाया जाता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) के अनुसार, इसका अत्यधिक सेवन ‘खराब’ कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ा सकता है, जो हृदय और लिवर दोनों के लिए अच्छा नहीं है।
- अनसैचुरेटेड फैट (Unsaturated Fat): यह कमरे के तापमान पर तरल रहता है। यह ‘अच्छा’ फैट माना जाता है। इसके दो प्रकार हैं:
- मोनोअनसैचुरेटेड फैट (MUFA): सरसों तेल, जैतून तेल, मूंगफली तेल, और नट्स में पाया जाता है।
- पॉलीअनसैचुरेटेड फैट (PUFA): सूरजमुखी तेल, सोयाबीन तेल, और अलसी के बीज में पाया जाता है। ओमेगा-3 और ओमेगा-6 इसी श्रेणी में आते हैं।
- ट्रांस फैट (Trans Fat): यह सबसे हानिकारक फैट है, जो वनस्पति घी (हाइड्रोजनेटेड ऑयल) और प्रोसेस्ड फूड्स में पाया जाता है। यह लिवर और दिल का सबसे बड़ा दुश्मन है।
घी खाना फायदेमंद है या नुक्सान?
- फायदे: घी का स्मोक पॉइंट (smoke point) बहुत अधिक होता है, जिसका अर्थ है कि यह तेज आंच पर जलता नहीं है और हानिकारक फ्री रेडिकल्स नहीं बनाता। इसलिए, यह तलने जैसी हाई-हीट कुकिंग के लिए बेहतर हो सकता है। इसमें विटामिन A, E, और D जैसे फैट-घुलनशील विटामिन भी होते हैं।
- नुकसान: सैचुरेटेड फैट के नुकसान घी पर भी लागू होते हैं। घी में लगभग 60-65% सैचुरेटेड फैट होता है। इसका अत्यधिक सेवन लिवर में फैट जमा होने और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का कारण बन सकता है।
खाने के लिए कौन सा तेल सबसे अच्छा
“तेल” एक बहुत व्यापक शब्द है। इसकी सेहत इस पर निर्भर करती है कि वह किस चीज से बना है।
- लिवर के दोस्त: अनसैचुरेटेड फैट से भरपूर तेल लिवर के लिए बेहतर माने जाते हैं। हेल्दी कुकिंग ऑयल में सरसों का तेल, जैतून का तेल (Olive oil), कनोला तेल, और सूरजमुखी का तेल शामिल हैं। ये फैट लिवर में सूजन को कम करने और फैटी लिवर की स्थिति में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
- लिवर के दुश्मन: वनस्पति घी या कोई भी तेल जिसमें “आंशिक रूप से हाइड्रोजनेटेड” (partially hydrogenated) लिखा हो, ट्रांस फैट से भरपूर होता है और इससे हर कीमत पर बचना चाहिए।

तो लिवर के लिए क्या है बेहतर? जानिए अंतिम फैसला
एक आम सवाल जो पाठक अक्सर पूछते हैं, “तो आखिर हम इस्तेमाल क्या करें?”
इसका अंतिम फैसला “तेल बनाम घी” नहीं, बल्कि “अनसैचुरेटेड फैट बनाम सैचुरेटेड फैट” है।
वैज्ञानिक प्रमाण और स्वास्थ्य संगठन स्पष्ट रूप से सुझाव देते हैं कि लिवर और समग्र हृदय स्वास्थ्य के लिए सैचुरेटेड फैट का सेवन सीमित करना चाहिए और उसे अनसैचुरेटेड फैट से बदलना चाहिए।
इसका व्यावहारिक अर्थ है:
- दैनिक खाना पकाने के लिए: अपनी रोजाना की सब्जी, दाल आदि बनाने के लिए सरसों, सूरजमुखी, या मूंगफली जैसे अनसैचुरेटेड फैट वाले तेलों का बारी-बारी से उपयोग करना एक बेहतर विकल्प है।
- घी का उपयोग: घी को पूरी तरह से बंद करने की ज़रूरत नहीं है। इसका उपयोग स्वाद के लिए और संयम में करें। उदाहरण के लिए, रोटी पर लगाना या दाल में ऊपर से एक छोटा चम्मच डालना। इसे मुख्य कुकिंग फैट बनाने से बचें, खासकर यदि आपको पहले से ही लिवर या हृदय संबंधी कोई समस्या है।
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स्वस्थ लिवर के लिए क्या करें?
- मात्रा नियंत्रित करें: चाहे तेल हो या घी, चम्मच से माप कर इस्तेमाल करें। सीधे बोतल या डिब्बे से डालने से बचें।
- खाना पकाने की विधि बदलें: डीप फ्राई करने के बजाय, स्टीमिंग, बेकिंग, ग्रिलिंग या एयर फ्राइंग जैसी विधियों को अपनाएं।
- तेल को दोबारा गर्म न करें: एक बार इस्तेमाल किए गए तेल को बार-बार गर्म करने से वह ट्रांस फैट में बदल सकता है, जो बेहद हानिकारक है।
- तेल का मिश्रण: अलग-अलग प्रकार के तेलों का उपयोग करें ताकि आपको MUFA और PUFA दोनों का संतुलन मिल सके।

विशेषज्ञ की राय
“फैटी लिवर के मरीजों के लिए, मेरी पहली सलाह होती है कि वे अपने आहार में सैचुरेटेड और ट्रांस फैट की मात्रा को कम करें। इसका मतलब है घी, मक्खन, रेड मीट और बेकरी उत्पादों का सेवन सीमित करना। खाना पकाने के लिए अनसैचुरेटेड तेलों का उपयोग करना और कुल मिलाकर फैट का सेवन कम करना लिवर से फैट कम करने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम है।” – डॉ. अवनीश कुमार, हेपेटोलॉजिस्ट (लिवर रोग विशेषज्ञ)
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या ‘देसी’ घी बाजार में मिलने वाले घी से बेहतर है?
घर पर बना ‘देसी’ घी शुद्धता के मामले में बेहतर हो सकता है क्योंकि उसमें कोई मिलावट नहीं होती। हालांकि, पोषण की दृष्टि से, दोनों में मुख्य रूप से सैचुरेटेड फैट ही होता है।
खाना पकाने के लिए सबसे अच्छा तेल कौन सा है?
कोई एक “सबसे अच्छा” तेल नहीं है। भारतीय खाना पकाने के लिए, सरसों का तेल, मूंगफली का तेल और राइस ब्रान ऑयल अच्छे विकल्प हैं। सलाद ड्रेसिंग के लिए एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल अच्छा है। विभिन्न तेलों का मिश्रण उपयोग करना सबसे अच्छी रणनीति है।
एक दिन में कितना घी या तेल खाना सुरक्षित है?
एक स्वस्थ वयस्क के लिए, प्रतिदिन कुल 3-4 छोटे चम्मच (15-20 मि.ली.) तेल/घी का सेवन पर्याप्त माना जाता है, जो आपके समग्र आहार और शारीरिक गतिविधि पर निर्भर करता है।
निष्कर्ष
तेल या घी की बहस में कोई एक स्पष्ट विजेता नहीं है। दोनों की अपनी जगह है, लेकिन जब लिवर को स्वस्थ रखने के उपाय की बात आती है, तो विज्ञान का पलड़ा अनसैचुरेटेड फैट्स यानी ज्यादातर वनस्पति तेलों की ओर झुकता है।
आपके लिए सबसे अच्छी रणनीति है – संतुलन और संयम। अपने दैनिक भोजन के लिए स्वस्थ तेलों का चुनाव करें और घी का आनंद स्वाद और परंपरा के रूप में, सीमित मात्रा में लें। अपनी रसोई में फैट के सही चुनाव करके, आप न केवल स्वादिष्ट भोजन बना सकते हैं, बल्कि अपने लिवर को भी लंबी उम्र तक स्वस्थ और खुश रख सकते हैं।