Giloy Benefits: सेहत के लिए अमृत है गिलोय, जानिए कब और कैसे करें सेवन

गिलोय (Giloy) जिसे अमृता या गुडुची भी कहा जाता है, एक ऐसी जड़ी-बूटी है जिसे आयुर्वेद में बहुत खास माना गया है। इसका वैज्ञानिक नाम टीनोस्पोरा कोर्डिफोलिया (Tinospora cordifolia) है .यह पौधा सेहत के लिए किसी खजाने से कम नहीं है। गिलोय का सेवन लोग अलग-अलग तरीकों से करते हैं – जैसे इसका जूस पीते हैं, काढ़ा बनाकर पीते हैं या फिर इसका चूर्ण इस्तेमाल करते हैं। गिलोय का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत यानी इम्यूनिटी को मजबूत करता है।
अगर किसी को बार-बार सर्दी-जुकाम या वायरल होता है, तो गिलोय का सेवन फायदेमंद हो सकता है। यह पाचन को भी ठीक रखता है और पेट की समस्याओं से राहत दिलाता है। इसके अलावा, गिलोय का सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए भी अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद करता है। यही नहीं, यह शरीर को अंदर से साफ करता है और शरीर में जमा टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है। कुल मिलाकर गिलोय एक ऐसा प्राकृतिक उपाय है जिसे अपनी रोज की दिनचर्या में शामिल कर आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।
गिलोय के प्रमुख स्वास्थ्य लाभ (Giloy Benefits)
1. इम्यूनिटी को मजबूत करता है
- गिलोय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और अल्कलॉइड्स शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करते हैं, जिससे शरीर संक्रमणों से लड़ने में सक्षम होता है। यह सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है, जो रोगों से सुरक्षा प्रदान करती हैं।

2. बुखार और वायरल संक्रमण में लाभकारी
- गिलोय में एंटी-पायरेटिक गुण होते हैं, जो डेंगू, मलेरिया और स्वाइन फ्लू जैसे बुखारों में शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
3. पाचन तंत्र को सुधारता है
- गिलोय का सेवन गैस, अपच और कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याओं में राहत प्रदान करता है। यह पाचन एंजाइम्स को सक्रिय करता है, जिससे भोजन का पाचन बेहतर होता है।

4. मधुमेह (Diabetes) में सहायक
- गिलोय ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह इंसुलिन की प्रभावशीलता को बढ़ाता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को लाभ होता है।

5. त्वचा संबंधी समस्याओं में उपयोगी
- गिलोय के एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा की सूजन, मुंहासे और एलर्जी को कम करने में मदद करते हैं। यह त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है।
6. जोड़ों के दर्द और गठिया में राहत
- गिलोय में एंटी-आर्थ्रिटिक गुण होते हैं, जो जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होते हैं। यह गठिया के मरीजों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।

7. मानसिक तनाव और चिंता को कम करता है
- गिलोय एक प्राकृतिक एडाप्टोजेन है, जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। यह मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता को बढ़ाता है।
8. लीवर और किडनी की सेहत के लिए लाभकारी
- गिलोय शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है, जिससे लीवर और किडनी की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
गिलोय का सेवन कैसे करें?
- जूस के रूप में: गिलोय के ताजे तने को पानी में उबालकर उसका रस निकालें और सुबह खाली पेट सेवन करें।
- पाउडर के रूप में: गिलोय पाउडर को गर्म पानी या दूध के साथ मिलाकर पिएं।
- कैप्सूल या टैबलेट: बाजार में उपलब्ध गिलोय कैप्सूल या टैबलेट का सेवन चिकित्सक की सलाह अनुसार करें।

गिलोय के सेवन में सावधानियां
- अधिक सेवन से बचें: गिलोय का अत्यधिक सेवन पेट खराब, दस्त या उल्टी का कारण बन सकता है।
- एलर्जी की संभावना: कुछ लोगों को गिलोय से एलर्जी हो सकती है, जैसे त्वचा पर रैशेज या खुजली।
- दवाओं के साथ इंटरैक्शन: गिलोय कुछ दवाओं के प्रभाव को प्रभावित कर सकता है, इसलिए दवा लेते समय चिकित्सक से परामर्श लें।
- प्रेग्नेंसी और स्तनपान: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
निष्कर्ष
गिलोय वास्तव में एक प्राकृतिक औषधि है जिसे सेहत के लिए अमृत कहा जा सकता है। इसका नियमित और संतुलित सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, पाचन को बेहतर करता है, डायबिटीज को कंट्रोल करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। हालांकि, गिलोय का सेवन करने से पहले उसकी मात्रा और विधि को समझना जरूरी है। सही मात्रा में और डॉक्टर की सलाह से गिलोय का सेवन करने से इसके अद्भुत फायदे मिल सकते हैं।