ब्लैक टी और कॉफी से कम होता है मौत का खतरा? जानें नई स्टडी के चौंकाने वाले नतीजे

Black Tea And Coffee Benefits: दुनिया भर में करोड़ों लोग अपने दिन की शुरुआत एक गर्म कप चाय या कॉफी के साथ करते हैं। यह सिर्फ एक आदत नहीं, बल्कि एक सुकून देने वाला पल होता है। सालों से यह बहस चलती आ रही है कि चाय और कॉफी हमारी सेहत के लिए फायदेमंद हैं या नुकसानदायक। लेकिन हाल के कुछ वर्षों में हुए बड़े वैज्ञानिक अध्ययनों ने इस बहस को एक नया और सकारात्मक मोड़ दिया है, जो चाय और कॉफी के शौकीनों को खुश कर सकता है।
इस लेख के लिए अपने शोध में, मैंने पाया कि हाल ही में हुए कुछ बड़े अध्ययनों ने मध्यम मात्रा में ब्लैक टी और कॉफी के सेवन को लंबी उम्र और कई बीमारियों के कम खतरे से जोड़ा है। इस लेख में, हम इन नई स्टडीज के नतीजों को गहराई से जानेंगे, यह समझने की कोशिश करेंगे कि ब्लैक टी और ब्लैक कॉफी के फायदे के पीछे का विज्ञान क्या है, और आपको अपनी इस आदत को सेहतमंद बनाए रखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
क्या कहती है नई स्टडी? चौंकाने वाले हैं नतीजे
हाल के वर्षों में, वैज्ञानिकों ने लाखों लोगों के स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण करके चाय और कॉफी की खपत और स्वास्थ्य परिणामों के बीच संबंधों का अध्ययन किया है। इनमें से दो प्रमुख अध्ययन, जो प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन (Annals of Internal Medicine) में प्रकाशित हुए, विशेष रूप से ध्यान आकर्षित करते हैं।
ब्लैक टी पर स्टडी के नतीजे
यूके बायोबैंक (UK Biobank) के लगभग 5 लाख लोगों के डेटा का उपयोग करके किए गए एक बड़े अध्ययन में पाया गया कि:
- जो लोग प्रतिदिन दो या दो से अधिक कप ब्लैक टी पीते थे, उनमें चाय न पीने वालों की तुलना में किसी भी कारण से मृत्यु दर का खतरा 9% से 13% तक कम था।
- यह लाभ उन लोगों में भी देखा गया जो चाय में थोड़ी चीनी या दूध मिलाते थे।
- चाय पीने वालों में हृदय रोग और स्ट्रोक से होने वाली मृत्यु का खतरा भी कम पाया गया।
कॉफी पर स्टडी के नतीजे
इसी तरह, एक और बड़े अध्ययन में कॉफी पीने वालों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसमें पाया गया कि:
- जो लोग प्रतिदिन 1.5 से 3.5 कप कॉफी पीते थे, उनमें कॉफी न पीने वालों की तुलना में मृत्यु का जोखिम कम था।
- यह लाभ उन लोगों के लिए भी सच था जो अपनी कॉफी में एक चम्मच चीनी मिलाते थे।
- बिना चीनी की कॉफी पीने वालों में मृत्यु का जोखिम लगभग 30% तक कम देखा गया।

सबसे महत्वपूर्ण सवाल: इन नतीजों का वास्तव में क्या मतलब है?
यह समझना महत्वपूर्ण है, जैसा कि प्रमुख अध्ययनों के लेखक खुद बताते हैं, कि ये ऑब्जर्वेशनल स्टडीज (observational studies) हैं। इसका मतलब है कि वे एक ‘संबंध’ या ‘जुड़ाव’ (association) दिखाती हैं, न कि ‘कारण और प्रभाव’ (cause and effect)।
सरल शब्दों में, इन अध्ययनों से यह पता चलता है कि जो लोग चाय या कॉफी पीते हैं, वे उन लोगों की तुलना में अधिक समय तक जीते हैं जो नहीं पीते। लेकिन यह साबित नहीं होता कि ‘सिर्फ’ चाय या कॉफी पीने के कारण ही वे लंबा जी रहे हैं। हो सकता है कि चाय/कॉफी पीने वालों की जीवनशैली में अन्य स्वस्थ आदतें भी शामिल हों, जैसे वे अधिक सक्रिय हों या बेहतर आहार लेते हों। हालांकि, इतने बड़े पैमाने पर लगातार एक जैसे परिणाम मिलना इस बात का एक मजबूत संकेत है कि इन पेय पदार्थों में कुछ तो खास है।
आखिर चाय और कॉफी में ऐसा क्या है?
तो सवाल उठता है कि ये संभावित फायदे आते कहां से हैं? इसका जवाब कैफीन से परे है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, चाय और कॉफी दोनों ही पॉलीफेनोल्स (Polyphenols) नामक यौगिकों से भरपूर होते हैं।
पॉलीफेनोल्स शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट युक्त पेय हैं। एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर में ‘फ्री रेडिकल्स’ नामक हानिकारक अणुओं से लड़ते हैं। ये फ्री रेडिकल्स कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर शरीर में सूजन (inflammation) और कई पुरानी बीमारियों (जैसे हृदय रोग और कैंसर) का कारण बन सकते हैं। चाय और कॉफी में मौजूद पॉलीफेनोल्स इस सूजन को कम करने और कोशिकाओं को बचाने में मदद कर सकते हैं, जो इनके संभावित स्वास्थ्य लाभों का एक मुख्य कारण माना जाता है।

विशेषज्ञ की राय
“ये अध्ययन काफी उत्साहजनक हैं और इस धारणा को बल देते हैं कि मध्यम मात्रा में चाय और कॉफी एक स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा हो सकते हैं। हालांकि, हमें यह याद रखना चाहिए कि ये जादुई पेय नहीं हैं। संपूर्ण स्वास्थ्य की नींव हमेशा एक संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद ही रहेगी। यदि आप चाय या कॉफी नहीं पीते हैं, तो इन अध्ययनों के कारण इसे शुरू करने की कोई आवश्यकता नहीं है।” – डॉ. नेहा मल्होत्रा, सीनियर डायटीशियन
सिक्के का दूसरा पहलू: कैफीन के खतरे और सावधानियां
ब्लैक टी और ब्लैक कॉफी के फायदे के साथ-साथ उनके संभावित नुकसानों को जानना भी ज़रूरी है, जो मुख्य रूप से कैफीन से जुड़े हैं।
- मात्रा महत्वपूर्ण है: Mayo Clinic के अनुसार, अधिकांश स्वस्थ वयस्कों के लिए प्रतिदिन 400 मिलीग्राम (mg) तक कैफीन सुरक्षित माना जाता है। यह लगभग 4 कप कॉफी या 8 कप चाय के बराबर है।
- अत्यधिक सेवन के नुकसान: इससे अधिक कैफीन लेने से घबराहट, चिंता, नींद न आना (insomnia), पाचन संबंधी समस्याएं और दिल की धड़कन का तेज होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- किसे रहना चाहिए सावधान?
- गर्भवती महिलाएं: उन्हें अपना कैफीन सेवन 200 मिलीग्राम प्रतिदिन तक सीमित रखने की सलाह दी जाती है।
- एंग्जायटी या पैनिक डिसऑर्डर के मरीज: कैफीन इन स्थितियों के लक्षणों को बढ़ा सकता है।
- कुछ खास दवाओं का सेवन करने वाले लोग: कैफीन कुछ दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है।
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कैसे पिएं चाय और कॉफी ताकि मिले सेहत का फायदा?
अध्ययनों से अधिकतम लाभ उठाने और नुकसान से बचने के लिए, अपनी इस आदत को स्वस्थ बनाना महत्वपूर्ण है।
- चीनी से बचें: अपनी चाय या कॉफी में चीनी मिलाने से बचें। अध्ययनों में भी बिना चीनी वाली या बहुत कम चीनी वाली कॉफी को ही अधिक फायदेमंद पाया गया है।
- क्रीम और फ्लेवर्ड सिरप को कहें ‘न’: ये चीजें पेय में बहुत अधिक खाली कैलोरी और अनहेल्दी फैट जोड़ देती हैं, जो फायदों को खत्म कर सकती हैं।
- क्वालिटी पर ध्यान दें: अच्छी गुणवत्ता वाली चाय की पत्तियां और कॉफी बीन्स चुनें।
- सही समय पर पिएं: कैफीन आपकी नींद को प्रभावित कर सकता है, इसलिए दोपहर के बाद या सोने से कम से कम 6-8 घंटे पहले इसका सेवन करने से बचें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
H3: क्या दूध वाली चाय या कॉफी के भी यही फायदे हैं? अध्ययनों में मुख्य रूप से ब्लैक टी और ब्लैक कॉफी पर ध्यान केंद्रित किया गया है। दूध मिलाने से कैलोरी और फैट बढ़ जाता है। कुछ शोध यह भी बताते हैं कि दूध में मौजूद प्रोटीन चाय के कुछ पॉलीफेनोल्स के अवशोषण को थोड़ा कम कर सकता है, हालांकि इस पर और शोध की आवश्यकता है।
H3: कितनी कॉफी या चाय पीना ‘बहुत ज्यादा’ माना जाता है? आम तौर पर, प्रतिदिन 400mg से अधिक कैफीन का सेवन उच्च माना जाता है। यह हर व्यक्ति की कैफीन के प्रति संवेदनशीलता पर भी निर्भर करता है। अपने शरीर के संकेतों को सुनें।
H3: क्या चाय या कॉफी से डिहाइड्रेशन होता है? यह एक आम मिथक है। हालांकि कैफीन एक हल्का मूत्रवर्धक (diuretic) है, लेकिन चाय और कॉफी में मौजूद पानी की मात्रा इस प्रभाव की भरपाई कर देती है। मध्यम मात्रा में सेवन से डिहाइड्रेशन नहीं होता है।
निष्कर्ष
तो, क्या आपकी सुबह की चाय या कॉफी की आदत आपको लंबा जीवन दे सकती है? हाल के बड़े अध्ययनों से मिले संकेत निश्चित रूप से सकारात्मक हैं। मध्यम मात्रा में, विशेष रूप से बिना चीनी के, ब्लैक टी और ब्लैक कॉफी के फायदे उनके नुकसानों पर भारी पड़ते दिख रहे हैं। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपके शरीर को स्वस्थ रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ये पेय किसी जादू की छड़ी की तरह नहीं हैं। एक लंबा और स्वस्थ जीवन एक समग्र दृष्टिकोण की मांग करता है, जिसमें संतुलित आहार, नियमित शारीरिक गतिविधि, पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन शामिल है। तो, अपनी पसंदीदा चाय या कॉफी का आनंद लें, लेकिन इसे एक स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा बनाकर, न कि उसका विकल्प समझकर।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्यों के लिए है और यह पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी चिंता या अपनी डाइट में कोई बड़ा बदलाव करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या किसी योग्य स्वास्थ्य प्रदाता से सलाह लें।