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ब्लैक कॉफी या दूध वाली कॉफी: सेहत के लिए क्या है बेहतर? जानें फायदे, नुकसान और एक्सपर्ट की राय

black coffee vs milk coffee which one is better

Black Coffee vs Milk Coffee: सुबह की नींद खोलनी हो या दिन भर की थकान मिटानी हो, एक कप गर्मागर्म कॉफी का खयाल ही ताजगी भर देता है। लेकिन जब भी हम कॉफी ऑर्डर करने या बनाने जाते हैं, तो एक सवाल हमेशा मन में आता है – “ब्लैक कॉफी पिएं या दूध वाली?” कुछ लोग ब्लैक कॉफी के कड़क स्वाद और फायदों के दीवाने हैं, तो वहीं कुछ लोगों को दूध वाली क्रीमी कॉफी का साथ पसंद है। यह सिर्फ स्वाद की बहस नहीं है, बल्कि सेहत से भी जुड़ी एक बड़ी दुविधा है।

क्या दूध मिलाने से कॉफी के गुण कम हो जाते हैं? वजन घटाने के लिए कौन सी बेहतर है? इस लेख के लिए अपने शोध में, मैंने पाया कि इसका कोई एक सीधा जवाब नहीं है। इसका सही जवाब आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य आवश्यकताओं और लक्ष्यों पर निर्भर करता है। आइए, एक स्वास्थ्य पत्रकार के दृष्टिकोण से इस बहस की गहराई में उतरें और जानें कि ब्लैक कॉफी और दूध वाली कॉफी में अंतर क्या है और आपकी सेहत के लिए कौन सी ज्यादा हेल्दी है।

ब्लैक कॉफी: एंटीऑक्सीडेंट्स का शुद्ध और शक्तिशाली स्रोत

जब आप बिना दूध या चीनी के सिर्फ कॉफी बीन्स से बनी कॉफी पीते हैं, तो उसे ब्लैक कॉफी कहते हैं। यह कॉफी का सबसे शुद्ध रूप है।

ब्लैक कॉफी के फायदे:

  • लगभग शून्य कैलोरी: एक कप ब्लैक कॉफी में 5 से भी कम कैलोरी होती है, जो इसे वजन घटाने के लिए कॉफी (black coffee for weight loss in hindi) का सबसे अच्छा विकल्प बनाती है।
  • अधिकतम एंटीऑक्सीडेंट्स: हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के अनुसार, कॉफी पॉलीफेनोल्स (Polyphenols) जैसे शक्तिशाली कॉफी के एंटीऑक्सीडेंट का एक बेहतरीन स्रोत है। ये एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री-रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं, जो उम्र बढ़ने और कई बीमारियों का कारण बनते हैं। ब्लैक कॉफी पीने से आपको ये एंटीऑक्सीडेंट्स बिना किसी बाधा के मिलते हैं।
  • बेहतर मानसिक फोकस: कैफीन सीधे आपके नर्वस सिस्टम को उत्तेजित करता है, जिससे आपकी सतर्कता और फोकस में सुधार हो सकता है।
  • प्री-वर्कआउट ड्रिंक: वर्कआउट से पहले ब्लैक कॉफी पीने से प्रदर्शन में सुधार हो सकता है और फैट बर्न करने में मदद मिल सकती है।

ब्लैक कॉफी के नुकसान:

  • एसिडिटी: कुछ लोगों को खाली पेट ब्लैक कॉफी पीने से एसिडिटी या पेट में जलन की समस्या हो सकती है।
  • कड़वा स्वाद: इसका स्वाद काफी कड़वा और स्ट्रांग होता है, जो हर किसी को पसंद नहीं आता।
coffee peene ke fayde

दूध वाली कॉफी: पोषण और स्वाद का संगम

जब ब्लैक कॉफी में दूध मिलाया जाता है, तो उसका पोषण प्रोफाइल पूरी तरह से बदल जाता है।

दूध वाली कॉफी के फायदे:

  • अतिरिक्त पोषण: दूध के पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, विटामिन D, और विटामिन B12 कॉफी में जुड़ जाते हैं। कैल्शियम हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
  • पेट के लिए सौम्य: दूध कॉफी की अम्लता (acidity) को कम कर देता है, जिससे यह उन लोगों के लिए एक बेहतर विकल्प बन जाती है जिन्हें ब्लैक कॉफी से पेट में जलन होती है।
  • प्रोटीन का स्रोत: दूध मिलाने से आपकी कॉफी में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है, जो आपको लंबे समय तक पेट भरा होने का एहसास करा सकता है।

दूध वाली कॉफी के नुकसान:

  • अतिरिक्त कैलोरी और फैट: दूध मिलाने से आपकी कॉफी में कैलोरी और फैट (विशेषकर अगर आप फुल-फैट दूध का उपयोग करते हैं) की मात्रा काफी बढ़ जाती है। एक सामान्य कैपेचीनो या लाते में 100 से 150 कैलोरी और कॉफी का संयोजन हो सकता है।
  • एंटीऑक्सीडेंट्स के अवशोषण में कमी? यह सबसे बड़ा सवाल है, जिस पर हम आगे चर्चा करेंगे।
black coffee or milk coffee which one is best

क्या दूध मिलाने से कॉफी के गुण कम हो जाते हैं?

यह एक बहुत ही आम और महत्वपूर्ण सवाल है। इसका जवाब थोड़ा जटिल है। यह समझना महत्वपूर्ण है, जैसा कि NCBI पर प्रकाशित कुछ अध्ययनों से पता चलता है, कि दूध में मौजूद प्रोटीन ‘केसीन’ (Casein), कॉफी में मौजूद पॉलीफेनोल्स के साथ बंध सकता है। यह बंधन इन एंटीऑक्सीडेंट्स के अवशोषण (absorption) को शरीर में थोड़ा कम कर सकता है।

इसका मतलब क्या है? इसका मतलब यह नहीं है कि दूध मिलाने से सारे एंटीऑक्सीडेंट्स खत्म हो जाते हैं। आपको अभी भी उनके फायदे मिलते हैं, लेकिन शायद उतनी मात्रा में नहीं जितनी ब्लैक कॉफी से मिलते। हालांकि, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है कि यह कमी कितनी महत्वपूर्ण है।

दूध वाली कॉफी या ब्लैक कॉफ़ी कौन सी कॉफी है बेहतर?

सेहत के लिए कौन सी कॉफी बेहतर है, इसका जवाब आपके लक्ष्य पर निर्भर करता है।

  • अगर आपका लक्ष्य वजन घटाना है: तो बिना किसी संदेह के ब्लैक कॉफी विजेता है। इसमें लगभग शून्य कैलोरी होती है।
  • अगर आप अधिकतम एंटीऑक्सीडेंट लाभ चाहते हैं: तो भी ब्लैक कॉफी सबसे अच्छा विकल्प है, क्योंकि इसमें किसी भी तरह की बाधा नहीं होती।
  • अगर आपको हड्डियों के लिए कैल्शियम और पोषण चाहिए: तो बिना चीनी की दूध वाली कॉफी एक अच्छा विकल्प है। यह आपके दैनिक कैल्शियम सेवन में योगदान कर सकती है।
  • अगर आपको एसिडिटी की समस्या है: तो दूध वाली कॉफी आपके पेट के लिए अधिक सौम्य हो सकती है।

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अपनी कॉफी को और भी हेल्दी बनाने के टिप्स

आप चाहे कोई भी कॉफी चुनें, उसे सेहतमंद बनाने के ये तरीके अपनाएं:

  1. चीनी को कहें ‘न’: कॉफी का सबसे बड़ा दुश्मन चीनी है। यह खाली कैलोरी जोड़ती है और सूजन को बढ़ाती है।
  2. सही दूध चुनें: अगर दूध मिला रहे हैं, तो लो-फैट या स्किम्ड मिल्क या अनस्वीटेंड प्लांट-बेस्ड मिल्क (जैसे बादाम या सोया मिल्क) का उपयोग करें।
  3. फ्लेवर्ड सिरप से बचें: बाजार में मिलने वाले फ्लेवर्ड सिरप चीनी से भरे होते हैं।
  4. मात्रा का ध्यान रखें: दिन में 2-3 कप कॉफी पर्याप्त है। अत्यधिक सेवन से बचें।
  5. सही समय पर पिएं: अपनी आखिरी कप कॉफी दोपहर में ही पी लें ताकि रात की नींद खराब न हो।
coffee peene ke fayde or nuksan

विशेषज्ञ की राय

“सबसे ‘हेल्दी’ कॉफी वह है जो आपके व्यक्तिगत स्वास्थ्य लक्ष्यों और आहार संबंधी जरूरतों के अनुकूल हो। मेरे वजन घटाने वाले ग्राहकों के लिए, मैं ब्लैक कॉफी की सलाह देता हूँ। जिन्हें अधिक कैल्शियम और प्रोटीन की आवश्यकता है, उनके लिए बिना चीनी की दूध वाली कॉफी एक अच्छा विकल्प हो सकती है। असली दुश्मन दूध नहीं, बल्कि वह चीनी और सिरप है जो लोग इसमें मिलाते हैं।” – डॉ. नेहा गुप्ता, सीनियर डायटीशियन

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

एक दिन में कितने कप कॉफी पीना सुरक्षित है?

अधिकांश स्वस्थ वयस्कों के लिए, प्रतिदिन 400 मिलीग्राम तक कैफीन सुरक्षित माना जाता है, जो लगभग 4 कप ब्रूड कॉफी के बराबर है।

क्या कॉफी से डिहाइड्रेशन होता है?

यह एक आम मिथक है। मध्यम मात्रा में सेवन करने पर, कॉफी में मौजूद पानी कैफीन के हल्के मूत्रवर्धक प्रभाव की भरपाई कर देता है।

कॉफी के लिए कौन सा दूध सबसे अच्छा है?

कम फैट वाला डेयरी दूध या बिना चीनी वाला प्लांट-बेस्ड दूध (जैसे बादाम, सोया, या ओट्स मिल्क) फुल-फैट दूध या क्रीम की तुलना में स्वास्थ्यवर्धक विकल्प हैं।

निष्कर्ष

ब्लैक कॉफी बनाम दूध वाली कॉफी की इस बहस का कोई एक विजेता नहीं है। दोनों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं, और सही चुनाव पूरी तरह से व्यक्तिगत है।

  • ब्लैक कॉफी एंटीऑक्सीडेंट शक्ति, कम कैलोरी और बेहतर फोकस के लिए है।
  • दूध वाली कॉफी अतिरिक्त पोषण, हड्डियों के स्वास्थ्य और पेट पर सौम्य होने के लिए है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपनी कॉफी को कैसे तैयार करते हैं। चीनी, क्रीम और आर्टिफिशियल फ्लेवर से बचकर आप अपनी दैनिक कॉफी की आदत को एक स्वस्थ अनुष्ठान में बदल सकते हैं। तो, अपनी पसंद की कॉफी का आनंद लें, लेकिन इसे एक सचेत और स्वस्थ तरीके से पिएं।

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