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Health

बढ़ा हुआ यूरिक एसिड: क्या यह 1 कच्चा फल जोड़ों से क्रिस्टल निकाल सकता है? जानें सच्चाई

इस 1 फल को कच्चा खाने से यूरिक एसिड हो जाएगा काबू, जोड़ों में जमा सारे क्रिस्टल पेशाब के जरिए निकल जाएंगे बाहर, दर्द भी हो जाएगा छूमंतर

वर्तमान समय में हर किसी का खान-पान बदला हुआ है, चाहे वह बच्चा हो या कोई बुजुर्ग सबका असंतुलित जीवनशैली और अनुचित खानपान के कारण यूरिक एसिड (Uric Acid) का स्तर बढ़ना एक आम समस्या बन गई है,यह स्थिति जोड़ों में दर्द, सूजन और गठिया जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है, हालांकि, कुछ प्राकृतिक उपायों को अपनाकर इस समस्या से राहत पाई जा सकती है, ऐसा ही एक उपाय है कच्चे पपीते (Raw Papaya) का सेवन, जो यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।

जाने क्या है यूरिक एसिड और गाउट (गठिया)

इससे पहले कि हम कच्चे पपीते के फायदों पर बात करें, हमें अपने दुश्मन को समझना होगा।

गाउट (Gout): जोड़ों में इन्हीं क्रिस्टल्स के जमा होने से जो गंभीर सूजन और असहनीय दर्द होता है, उस बीमारी को गाउट या गठिया का एक प्रकार कहते हैं।

प्यूरीन (Purine): यह हमारे शरीर की कोशिकाओं में और कुछ खाद्य पदार्थों (जैसे रेड मीट, कुछ मछलियां, दालें) में पाया जाने वाला एक केमिकल है।

यूरिक एसिड (Uric Acid): जब हमारा शरीर प्यूरीन को तोड़ता है, तो एक वेस्ट प्रोडक्ट बनता है, जिसे यूरिक एसिड कहते हैं।

क्रिस्टल का निर्माण: आमतौर पर, हमारी किडनियां यूरिक एसिड को फिल्टर करके पेशाब के जरिए बाहर निकाल देती हैं। लेकिन जब शरीर में यूरिक एसिड बहुत ज्यादा बनने लगता है या किडनियां उसे ठीक से बाहर नहीं निकाल पातीं, तो यह खून में जमा होने लगता है। बढ़ा हुआ यूरिक एसिड जोड़ों में सुई जैसे तेज किनारों वाले क्रिस्टल (Monosodium Urate Crystals) का रूप ले लेता है।

कच्चे पपीते के लाभ

पेपेन एंजाइम की भूमिका

  • कच्चे पपीते में पेपेन नामक एंजाइम पाया जाता है, जो पाचन में सहायक होता है और यूरिक एसिड को तोड़ने में मदद करता है। यह एंजाइम शरीर से अतिरिक्त यूरिक एसिड को बाहर निकालने में सहायक होता है।

पोषक तत्वों की प्रचुरता

  • कच्चे पपीते में विटामिन C, फाइबर और पोटैशियम प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं और सूजन को कम करते हैं।

एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण

  • कच्चे पपीते में सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
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सबसे बड़ा सवाल: क्या कच्चा पपीता सच में क्रिस्टल को ‘बाहर’ निकाल सकता है?

यह वह दावा है जिसे हमें सावधानी से समझने की जरूरत है। “जोड़ों में जमा क्रिस्टल को पेशाब के जरिए बाहर निकाल देने” का विचार सुनने में बहुत आकर्षक लगता है, लेकिन यह एक अति-सरलीकरण (oversimplification) है।

यह समझना महत्वपूर्ण है, जैसा कि आर्थराइटिस फाउंडेशन (Arthritis Foundation) जैसे प्रतिष्ठित संस्थान बताते हैं, कि एक बार जब यूरिक एसिड के क्रिस्टल (जिन्हें टोफी भी कहते हैं) जोड़ों में कठोर रूप में जम जाते हैं, तो उन्हें सिर्फ एक फल खाकर “पिघलाना” या “बाहर निकालना” लगभग असंभव है। इन जमे हुए क्रिस्टल्स को कम करने के लिए अक्सर एलोपैथिक दवाओं (जैसे Allopurinol) की आवश्यकता होती है जो यूरिक एसिड के उत्पादन को ही कम करती हैं।

तो फिर पपीता क्या करता है? कच्चे पपीते की भूमिका मुख्य रूप से दोहरी हो सकती है:

  1. रोकथाम (Prevention): यह शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है, जिससे नए क्रिस्टल बनने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है
  2. राहत (Relief): इसके सूजन-रोधी गुण जोड़ों में मौजूद सूजन को कम करते हैं, जिससे दर्द का एहसास कम होता है।

इसलिए, यह कहना ज्यादा सही होगा कि कच्चा पपीता दर्द और सूजन से राहत देता है और स्थिति को बिगड़ने से रोकने में मदद कर सकता है, न कि यह जमे हुए क्रिस्टल को जादुई रूप से बाहर निकाल देता है।

कच्चे पपीते को सेवन करने का तरीका

  1. कच्चे पपीते को छोटे टुकड़ों में काट लें।
  2. एक गिलास पानी में इन टुकड़ों को डालकर 5 मिनट तक उबालें।
  3. उबले हुए टुकड़ों को मिक्सर में पीसकर छान लें।
  4. इसमें थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर दिन में दो से तीन बार सेवन करें।

इसके अलावा, कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है।

जानें विशेषज्ञों की राय

न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा के अनुसार, कच्चा पपीता यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में प्रभावी है। उनका कहना है कि कच्चे पपीते में मौजूद पेपेन एंजाइम और अन्य पोषक तत्व शरीर से अतिरिक्त यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद करते हैं।

यूरिक एसिड नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में बदलाव हैं ज़रूरी

सिर्फ कच्चे पपीते पर निर्भर रहना एक भूल होगी। यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है।

वजन नियंत्रित रखें: अधिक वजन होने से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है। स्वस्थ आहार और व्यायाम से वजन को नियंत्रित रखें।

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हाइड्रेटेड रहें: दिन में 8-10 गिलास पानी पिएं। पानी यूरिक एसिड को पतला करने और किडनी के जरिए इसे बाहर निकालने में मदद करता है।

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चेरी और विटामिन C: अध्ययनों में चेरी को यूरिक एसिड के स्तर को कम करने और गाउट के हमलों को रोकने में प्रभावी पाया गया है। संतरे, आंवला और नींबू जैसे विटामिन C युक्त फल भी फायदेमंद हैं।

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कम प्यूरीन वाला आहार: रेड मीट, ऑर्गन मीट (जैसे कलेजी), कुछ समुद्री भोजन (जैसे सार्डिन, मैकेरल), और शराब (विशेषकर बीयर) जैसे प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थों से परहेज करें।

कच्चे पपीते से होने वाले संभावित नुकसान

हालांकि कच्चा पपीता कई लाभ प्रदान करता है, लेकिन कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है। गर्भवती महिलाओं को कच्चे पपीते का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, क्योंकि इसमें मौजूद कुछ तत्व गर्भावस्था में हानिकारक हो सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

तो, क्या कच्चा पपीता यूरिक एसिड के लिए एक जादुई इलाज है? इसका जवाब है- नहीं। लेकिन क्या यह एक फायदेमंद घरेलू उपाय है? इसका जवाब है- हाँ।

कच्चा पपीता अपने पपेन एंजाइम और शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, बढ़े हुए यूरिक एसिड और गाउट के दर्दनाक लक्षणों से राहत दिलाने में एक सहायक भूमिका निभा सकता है। यह सूजन को कम कर सकता है और पाचन में सुधार कर सकता है।

हालांकि, यह याद रखना बेहद ज़रूरी है कि यह डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं और जीवनशैली में बदलाव का विकल्प नहीं है। यूरिक एसिड को सही मायने में नियंत्रित करने का एकमात्र तरीका एक अनुशासित, कम-प्यूरीन वाली डाइट, पर्याप्त पानी, नियमित व्यायाम और सही मेडिकल इलाज का संयोजन है। कच्चे पपीते को इस स्वस्थ जीवनशैली का एक हिस्सा बनाएं, न कि इसे एकमात्र समाधान समझें।

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