उम्र के अनुसार कितना होना चाहिए नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल? देखें सुबह से रात तक का पूरा चार्ट

ब्लड शुगर या रक्त शर्करा, यह शब्द सुनते ही अक्सर हमारे मन में डायबिटीज का ख्याल आता है। लेकिन ब्लड शुगर सिर्फ मधुमेह के रोगियों के लिए ही नहीं, बल्कि हर व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण पैमाना है। यह हमारे शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है, लेकिन इसका स्तर सामान्य से कम या ज्यादा होना कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। भारत में डायबिटीज और प्रीडायबिटीज के बढ़ते मामलों को देखते हुए, हर किसी के लिए यह जानना ज़रूरी है कि नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए।
एक आम सवाल जो पाठक अक्सर पूछते हैं, वह है, “मेरी उम्र के हिसाब से और दिन के अलग-अलग समय पर शुगर का स्तर क्या होना चाहिए?” इस लेख के लिए अपने शोध में, मैंने पाया कि सही जानकारी के अभाव में लोग अक्सर अपने शुगर लेवल को लेकर भ्रमित रहते हैं। आइए, एक स्वास्थ्य पत्रकार के दृष्टिकोण से इस भ्रम को दूर करें और विज्ञान और विशेषज्ञ-अनुमोदित दिशानिर्देशों के आधार पर समझें कि आपका ब्लड शुगर का स्तर कब और कितना होना चाहिए।
ब्लड शुगर या ग्लूकोज क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
जब हम कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन खाते हैं, तो हमारा शरीर उसे ग्लूकोज में तोड़ता है। यह ग्लूकोज रक्तप्रवाह में प्रवेश करता है और कोशिकाओं तक ऊर्जा पहुंचाने का काम करता है। इंसुलिन नामक एक हार्मोन इस ग्लूकोज को कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करता है। जब यह संतुलन बिगड़ जाता है, तो ब्लड शुगर का स्तर प्रभावित होता है।

ब्लड शुगर नापने का सही समय और उनके नाम
आपके शुगर लेवल का सही मतलब (How to Manage Blood Sugar Level) जानने के लिए, यह जानना ज़रूरी है कि उसे कब नापा गया है। मुख्य रूप से तीन तरह की रीडिंग होती हैं:
- फास्टिंग ब्लड शुगर (Fasting Blood Sugar): सुबह उठने के बाद, कुछ भी खाने या पीने से पहले (कम से कम 8 घंटे की फास्टिंग के बाद) ली गई रीडिंग।
- पोस्ट-मील शुगर (Post-Prandial Blood Sugar): भोजन करने के ठीक 2 घंटे बाद ली गई रीडिंग।
- रैंडम ब्लड शुगर (Random Blood Sugar): दिन में किसी भी समय ली गई रीडिंग।

नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल चार्ट: जानें आपके नंबर क्या कहते हैं
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (ADA) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) जैसी शीर्ष संस्थाओं के अनुसार, वयस्कों के लिए ब्लड शुगर के स्तर को तीन श्रेणियों में बांटा गया है: नॉर्मल, प्रीडायबिटीज और डायबिटीज।
स्थिति (Condition) | फास्टिंग ब्लड शुगर (mg/dL) | खाने के 2 घंटे बाद (mg/dL) |
नॉर्मल (Normal) | 99 mg/dL या उससे कम | 140 mg/dL या उससे कम |
प्रीडायबिटीज (Prediabetes) | 100 – 125 mg/dL | 140 – 199 mg/dL |
डायबिटीज (Diabetes) | 126 mg/dL या उससे अधिक | 200 mg/dL या उससे अधिक |
(mg/dL का अर्थ है मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर, जो ब्लड शुगर को मापने की इकाई है।)

क्या उम्र के साथ बदलते हैं शुगर लेवल? (Normal Blood Sugar Levels for Adults)
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल है।
- डायग्नोस्टिक लेवल (निदान के लिए स्तर): डायबिटीज का निदान करने के लिए ऊपर दिए गए स्तर सभी वयस्कों के लिए समान रहते हैं, चाहे उनकी उम्र कुछ भी हो।
- टारगेट लेवल (उपचार के लक्ष्य): हालांकि, एक बार किसी को डायबिटीज हो जाने पर, डॉक्टर उम्र और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए व्यक्तिगत ‘टारगेट रेंज’ निर्धारित करते हैं। उदाहरण के लिए, एक 70 वर्षीय व्यक्ति, जिसे हृदय रोग भी है, के लिए डॉक्टर ब्लड शुगर का लक्ष्य थोड़ा अधिक रख सकते हैं ताकि हाइपोग्लाइसीमिया (बहुत कम शुगर) के खतरे से बचा जा सके, जो बुजुर्गों के लिए खतरनाक हो सकता है।
HbA1c टेस्ट: आपके 3 महीने का एवरेज रिपोर्ट कार्ड
एक बार की शुगर रीडिंग दिन भर के उतार-चढ़ाव को नहीं दिखाती। इसलिए, डॉक्टर HbA1c टेस्ट की सलाह देते हैं।
- यह क्या है? यह टेस्ट आपके पिछले 2 से 3 महीनों का औसत ब्लड शुगर स्तर बताता है। यह हीमोग्लोबिन से जुड़े ग्लूकोज के प्रतिशत को मापता है।
- HbA1c के स्तर:
- नॉर्मल: 5.7% से कम
- प्रीडायबिटीज: 5.7% से 6.4%
- डायबिटीज: 6.5% या उससे अधिक
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इन कारणों से घटता-बढ़ता है ब्लड शुगर लेवल (Reason of high-low blood sugar level)
आपके रक्त शर्करा का स्तर स्थिर नहीं रहता है। यह कई कारकों से प्रभावित होता है:
- भोजन: कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन खाने से शुगर का स्तर बढ़ता है।
- व्यायाम: शारीरिक गतिविधि आमतौर पर शुगर के स्तर को कम करती है।
- तनाव: तनाव स्ट्रेस हार्मोन जारी करता है जो शुगर के स्तर को बढ़ा सकता है।
- बीमारी: बीमारी के दौरान भी शुगर का स्तर बढ़ सकता है।
- दवाएं: कुछ दवाएं भी शुगर के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं।

विशेषज्ञ की राय
“ब्लड शुगर की निगरानी सिर्फ मधुमेह के रोगियों के लिए नहीं है; यह सभी के लिए एक महत्वपूर्ण निवारक स्वास्थ्य उपाय है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके परिवार में डायबिटीज का इतिहास है। अपने फास्टिंग और पोस्ट-मील नंबरों को समझने से आपको प्रीडायबिटीज को जल्दी पकड़ने और पूर्ण विकसित डायबिटीज में बदलने से पहले जीवनशैली में बदलाव करने में मदद मिल सकती है।” – डॉ. आरुषि सिंघल, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट (हार्मोन रोग विशेषज्ञ)
डॉक्टर से कब मिलें?
यदि आपको डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of High Blood Sugar Level) महसूस हो रहे हैं या आपका ब्लड शुगर लेवल लगातार ऊपर दी गई नॉर्मल रेंज से बाहर आ रहा है, तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।
- हाई शुगर के लक्षण (Hyperglycemia): बार-बार पेशाब आना, अधिक प्यास लगना, अत्यधिक थकान, धुंधला दिखना, बिना कारण वजन कम होना।
- लो शुगर के लक्षण (Hypoglycemia): पसीना आना, कंपकंपी, चक्कर आना, घबराहट, तेज दिल की धड़कन, बहुत तेज भूख लगना।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
मैंने कुछ नहीं खाया फिर भी मेरी फास्टिंग शुगर ज्यादा क्यों है?
ऐसा ‘डॉन फेनोमेनन’ (Dawn Phenomenon) या ‘सोमोगी इफेक्ट’ (Somogyi Effect) के कारण हो सकता है, जिसमें लिवर रात भर में ग्लूकोज छोड़ता है। इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है।
ब्लड शुगर की जांच का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
घर पर एक ग्लूकोमीटर आपको दैनिक रीडिंग देता है, लेकिन एक लैब में किया गया HbA1c टेस्ट 3 महीने का औसत बताता है और निदान और प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है।
क्या प्रीडायबिटीज को ठीक किया जा सकता है?
हाँ। प्रीडायबिटीज एक चेतावनी संकेत है। जीवनशैली में सही बदलाव, जैसे स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और वजन कम करके, आप ब्लड शुगर को वापस सामान्य स्तर पर ला सकते हैं और टाइप 2 डायबिटीज को रोक सकते हैं।
निष्कर्ष
अपने नंबर्स को जानना अपने स्वास्थ्य को नियंत्रित करने की दिशा में पहला कदम है। नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए, यह समझना आपको यह जानने में मदद करता है कि आप कहाँ खड़े हैं।
नंबर्स से डरें नहीं, उन्हें एक उपकरण के रूप में उपयोग करें। चाहे आप डायबिटीज को रोकना चाहते हों या उसे बेहतर ढंग से प्रबंधित करना चाहते हों, नियमित निगरानी, एक स्वस्थ जीवनशैली, और समय पर चिकित्सा सलाह आपको एक लंबा और स्वस्थ जीवन जीने में मदद कर सकती है। अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें, क्योंकि आपका स्वास्थ्य आपके ही हाथों में है।
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