रोज चुकंदर का जूस पीने से क्या होता है? जानें 15 दिनों में शरीर पर होने वाले 5 असर

Beetroot Juice Benefits In Hindi: गहरे लाल रंग और मिट्टी की सौंधी महक वाला चुकंदर, एक ऐसी सब्जी है जिसे कई लोग नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों और एथलीट्स के बीच, इसका जूस एक ‘सुपर ड्रिंक’ के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। सोशल मीडिया पर अक्सर “15 दिन का चुकंदर जूस चैलेंज” जैसे ट्रेंड्स देखने को मिलते हैं, जिनमें दावा किया जाता है कि इसका नियमित सेवन आपके शरीर में चमत्कारी बदलाव ला सकता है।
लेकिन क्या इन दावों में कोई सच्चाई है? क्या सच में 15 दिनों तक लगातार चुकंदर का जूस पीने के फायदे इतने हैं कि यह आपकी सेहत को एक नया मोड़ दे सकता है? इस लेख के लिए अपने शोध में, मैंने पाया कि इन दावों के पीछे सिर्फ पारंपरिक मान्यताएं ही नहीं, बल्कि ठोस वैज्ञानिक प्रमाण भी हैं। आइए, एक स्वास्थ्य पत्रकार के दृष्टिकोण से इस ‘रूबी-रेड’ जूस के रहस्यों को उजागर करें और जानें कि 15 दिनों तक इसका सेवन आपके शरीर पर क्या 5 प्रमुख असर डाल सकता है।
क्यों है चकुंदर का जूस लाभकारी
चुकंदर की शक्ति का राज उसके दो मुख्य यौगिकों में छिपा है:
- डायटरी नाइट्रेट्स (Dietary Nitrates): चुकंदर प्राकृतिक रूप से डायटरी नाइट्रेट्स से भरपूर होता है। जब हम इसका सेवन करते हैं, तो हमारा शरीर इन नाइट्रेट्स को नाइट्रिक ऑक्साइड (Nitric Oxide) में बदल देता है। नाइट्रिक ऑक्साइड एक ‘वैसोडिलेटर’ (vasodilator) है, जिसका अर्थ है कि यह हमारी रक्त वाहिकाओं को आराम देता है और उन्हें चौड़ा करता है।
- बेटालेंस (Betalains): यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो चुकंदर को उसका गहरा लाल रंग देता है। यह शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन से बचाने में मदद करता है।
इन्हीं दो यौगिकों के कारण चुकंदर के अधिकांश स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।

15 दिन तक चुकंदर का जूस पीने के 5 संभावित फायदे (Chukandar Ka Juice Pine Ke Fayde)
यदि आप 15 दिनों तक नियमित रूप से चुकंदर का जूस अपनी डाइट में शामिल करते हैं, तो आपको ये 5 बदलाव महसूस हो सकते हैं:
1. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद
यह चुकंदर का सबसे प्रसिद्ध और वैज्ञानिक रूप से सिद्ध लाभ है।
- कैसे काम करता है? जैसा कि ऊपर बताया गया है, चुकंदर में मौजूद नाइट्रेट्स रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करते हैं, जिससे रक्त का प्रवाह आसान हो जाता है और बढ़ा हुआ रक्तचाप कम होता है। द लैंसेट (The Lancet) जैसे प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल्स में प्रकाशित अध्ययनों ने हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजों में चुकंदर के जूस के सकारात्मक प्रभावों की पुष्टि की है। 15 दिनों के नियमित सेवन से आपको अपनी रीडिंग में सुधार दिख सकता है।
2. बढ़ा हुआ स्टैमिना और एक्सरसाइज परफॉर्मेंस
अगर आप जिम जाते हैं या दौड़ लगाते हैं, तो यह जूस आपका बेस्ट फ्रेंड बन सकता है।
- कैसे काम करता है? स्टैमिना कैसे बढ़ाएं, इसका जवाब भी नाइट्रिक ऑक्साइड में छिपा है। बेहतर रक्त प्रवाह का मतलब है कि आपकी मांसपेशियों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व अधिक कुशलता से पहुंचते हैं। इससे आपकी सहनशक्ति बढ़ती है और आप जल्दी थकते नहीं हैं। कई एथलीट अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए इसे एक प्राकृतिक प्री-वर्कआउट ड्रिंक के रूप में पीते हैं।

3. बेहतर लिवर फंक्शन और डिटॉक्स
- कैसे काम करता है? चुकंदर में मौजूद बेटालेंस नामक एंटीऑक्सीडेंट लिवर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। यह लिवर के दूसरे चरण के डिटॉक्सिफिकेशन मार्गों (detoxification pathways) का समर्थन करता है, जिससे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। 15 दिनों तक इसका सेवन आपके शरीर की प्राकृतिक सफाई प्रक्रिया को एक अच्छा डिटॉक्स ड्रिंक बनकर सपोर्ट कर सकता है।
4. दिमाग तक बेहतर रक्त संचार और मानसिक स्पष्टता
- कैसे काम करता है? जो चीज आपके शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाती है, वह आपके मस्तिष्क के लिए भी फायदेमंद है। मस्तिष्क में बेहतर रक्त प्रवाह का मतलब है बेहतर ऑक्सीजन आपूर्ति, जो संज्ञानात्मक कार्य (cognitive function), फोकस और मानसिक स्पष्टता में सुधार कर सकती है।

5. त्वचा पर प्राकृतिक ग्लो और निखार
- कैसे काम करता है? चुकंदर को एक बेहतरीन ‘ब्लड प्यूरीफायर’ यानी खून साफ करने वाले फूड्स में गिना जाता है। जब आपका खून साफ होता है और त्वचा की कोशिकाओं तक रक्त का संचार बेहतर होता है, तो त्वचा पर एक प्राकृतिक गुलाबी निखार आता है। इसमें मौजूद विटामिन C कोलेजन उत्पादन को भी बढ़ावा देता है, जिससे त्वचा स्वस्थ रहती है।
घर पर कैसे बनाएं चुकंदर का जूस?
एक आम सवाल जो पाठक अक्सर पूछते हैं, “इसे बनाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?”
- सामग्री:
- 1 मध्यम आकार का चुकंदर
- 1 गाजर (मिठास और विटामिन A के लिए)
- 1 छोटा आंवला (विटामिन C के लिए)
- आधा इंच अदरक का टुकड़ा (पाचन के लिए)
- विधि: सभी सामग्रियों को अच्छी तरह धोकर और छीलकर काट लें। उन्हें जूसर में डालें और ताजा जूस निकालें। यदि आपके पास जूसर नहीं है, तो आप उन्हें ब्लेंडर में थोड़े से पानी के साथ पीसकर एक महीन कपड़े से छान सकते हैं।

चुकंदर का जूस पीने से जुडी सावधानी और नुकसान
चुकंदर का जूस पीने के फायदे के साथ कुछ सावधानियां भी जुड़ी हैं।
- बीट्यूरिया (Beeturia): यह सबसे आम दुष्प्रभाव है। चुकंदर का जूस पीने के बाद आपके पेशाब और मल का रंग गुलाबी या लाल हो सकता है। यह पूरी तरह से हानिरहित है और चिंता का कोई कारण नहीं है।
- किडनी स्टोन का खतरा: चुकंदर के नुकसान में से एक यह है कि इसमें ‘ऑक्सालेट’ (Oxalate) की मात्रा अधिक होती है। जिन लोगों को ऑक्सालेट-प्रकार के किडनी स्टोन बनने की प्रवृत्ति होती है, उन्हें चुकंदर का सेवन करने से बचना चाहिए या डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- ब्लड प्रेशर: यदि आप पहले से ही ब्लड प्रेशर कम करने के उपाय के लिए दवाएं ले रहे हैं, तो चुकंदर का जूस पीने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें, क्योंकि यह आपके ब्लड प्रेशर को और भी कम कर सकता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
चुकंदर का जूस पीने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
व्यायाम से होने वाले फायदों के लिए, वर्कआउट से लगभग 1-2 घंटे पहले पीना सबसे अच्छा है। सामान्य स्वास्थ्य के लिए, आप इसे सुबह पी सकते हैं।
क्या मुझे इसे रोज पीना चाहिए?
15-दिन का “चैलेंज” एक स्वस्थ आदत शुरू करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है। हालांकि, लंबे समय में, अपने आहार में विविधता रखना सबसे अच्छा होता है। सप्ताह में 3-4 बार इसका सेवन करना एक स्थायी और स्वस्थ आदत है।
क्या जूस निकालने के बजाय कच्चा चुकंदर खाना बेहतर है?
हाँ, कच्चा या पका हुआ चुकंदर खाने से आपको जूस के सभी फायदों के साथ-साथ डायटरी फाइबर भी मिलता है, जो पाचन और आंत के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है।
निष्कर्ष
15 दिनों तक नियमित रूप से चुकंदर का जूस पीने के फायदे वास्तव में प्रभावशाली हो सकते हैं, खासकर आपके रक्तचाप, स्टैमिना और समग्र ऊर्जा के स्तर के लिए। यह एक साधारण सब्जी नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली सुपरफूड है जिसे प्रकृति ने हमें उपहार में दिया है।
हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यह कोई जादुई इलाज नहीं है, बल्कि एक स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली का एक शक्तिशाली सहायक है। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें, लेकिन हमेशा अपने शरीर की सुनें और यदि आपको कोई अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या है तो पेशेवर सलाह लेने में संकोच न करें।