क्या आप भी खाते हैं ब्रोकली? पहले जान लें किन 4 लोगों के लिए है ये नुकसानदायक

जब भी “सुपरफूड्स” की बात होती है, तो ब्रोकली का नाम सबसे पहले आता है। विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर यह हरी सब्जी सेहत के लिए किसी अमृत से कम नहीं मानी जाती। वजन घटाने से लेकर कैंसर से बचाव तक, ब्रोकली के फायदे (brockli khane ke fayde) की लिस्ट काफी लंबी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ विशेष स्वास्थ्य समस्याओं में यही अमृत समान ब्रोकली आपकी सेहत के लिए आफत बन सकती है?
इस लेख के लिए अपने शोध में, मैंने पाया कि कोई भी भोजन हर किसी के लिए एक जैसा काम नहीं करता। एक व्यक्ति के लिए जो चीज फायदेमंद है, वह दूसरे के लिए नुकसानदायक हो सकती है। ब्रोकली के साथ भी कुछ ऐसा ही है। कुछ मेडिकल कंडीशंस में इसका सेवन मौजूदा समस्या को और बढ़ा सकता है। आइए, एक स्वास्थ्य पत्रकार के दृष्टिकोण से इस विषय को गहराई से समझते हैं और जानते हैं कि वे कौन सी 4 बीमारियां हैं जिनमें आपको ब्रोकली का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए या इससे बचना चाहिए।
ब्रोकली: पहले जानिए इसके बेमिसाल फायदे
इससे पहले कि हम ब्रोकली खाने के नुकसान पर बात करें, यह जानना जरूरी है कि आखिर इसे सुपरफूड क्यों कहा जाता है।
- पोषक तत्वों का भंडार: ब्रोकली विटामिन C, विटामिन K, विटामिन A, फोलेट और पोटेशियम का बेहतरीन स्रोत है।
- फाइबर से भरपूर: यह पाचन को दुरुस्त रखती है और पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराती है।
- एंटीऑक्सीडेंट्स का पावरहाउस: इसमें सल्फोराफेन (Sulforaphane) और ल्यूटिन जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं।
- हड्डियों के लिए फायदेमंद: विटामिन K और कैल्शियम की मौजूदगी इसे हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए उत्तम बनाती है।
इन अनगिनत फायदों के बावजूद, कुछ लोगों को इसे अपनी प्लेट से दूर रखने की सलाह दी जाती है।
किन लोगों को नहीं कहानी चाहिए ब्रोकली?
यहाँ वे चार मुख्य स्वास्थ्य स्थितियाँ हैं जिनमें ब्रोकली का सेवन सोच-समझकर करना चाहिए:
1. थायराइड की समस्या (विशेषकर हाइपोथायरायडिज्म)
थायराइड में ब्रोकली का सेवन एक बहुत ही विवादास्पद विषय रहा है। ब्रोकली गोभी, पत्तागोभी और केल जैसी क्रूसिफेरस सब्जियों के परिवार से आती है। इन सब्जियों में ‘गोइट्रोजेन’ (Goitrogens) नामक प्राकृतिक यौगिक होते हैं।
- समस्या क्या है?: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, गोइट्रोजेन थायराइड ग्रंथि द्वारा आयोडीन के उपयोग में बाधा डाल सकते हैं। थायराइड ग्रंथि को थायराइड हार्मोन बनाने के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती है। यदि कोई व्यक्ति पहले से ही हाइपोथायरायडिज्म (जब थायराइड ग्रंथि पर्याप्त हार्मोन नहीं बनाती) और आयोडीन की कमी से जूझ रहा है, तो बहुत अधिक मात्रा में कच्ची ब्रोकली का सेवन उसकी स्थिति को और खराब कर सकता है।
- क्या है समाधान?: अच्छी खबर यह है कि ब्रोकली को पकाने से इसके गोइट्रोजेनिक प्रभाव काफी हद तक कम हो जाते हैं। यदि आपको थायराइड की समस्या है, तो आप कच्ची ब्रोकली खाने से बचें और इसे हमेशा भाप में पकाकर (steam), उबालकर या हल्का भूनकर खाएं। साथ ही, मात्रा का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है।

2. जो लोग खून पतला करने की दवा (Blood Thinners) लेते हैं
जो मरीज खून के थक्कों को रोकने के लिए वार्फरिन (Warfarin) या कौमाडिन (Coumadin) जैसी दवाएं लेते हैं, उन्हें अपने ब्रोकली के सेवन पर कड़ी नजर रखनी चाहिए।
- समस्या क्या है?: ब्रोकली विटामिन K का एक उत्कृष्ट स्रोत है। क्लीवलैंड क्लिनिक (Cleveland Clinic) के अनुसार, विटामिन K शरीर में रक्त के थक्के जमने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खून पतला करने वाली दवाएं विटामिन K के प्रभाव को रोककर काम करती हैं। यदि आप अचानक बहुत अधिक विटामिन K युक्त ब्रोकली खाना शुरू कर देते हैं, तो यह आपकी दवा के असर को कम कर सकता है, जिससे खून का थक्का बनने का खतरा बढ़ सकता है।
- क्या है समाधान?: डॉक्टरों का कहना है कि आपको विटामिन K युक्त खाद्य पदार्थों को पूरी तरह से बंद करने की जरूरत नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि आप अपने विटामिन K के सेवन को स्थिर (consistent) रखें। यानी, हर हफ्ते लगभग एक जैसी मात्रा में ब्रोकली या अन्य हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं ताकि आपका डॉक्टर उसी के अनुसार आपकी दवा की खुराक को समायोजित कर सके।
3. इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) और गैस की समस्या
बहुत से लोगों को ब्रोकली खाने के बाद पेट में गैस, सूजन और बेचैनी की शिकायत होती है, खासकर उन लोगों को जिन्हें IBS है।
- समस्या क्या है?: ब्रोकली में ‘रैफिनोज’ (Raffinose) नामक एक जटिल शुगर होती है जिसे हमारी छोटी आंत आसानी से पचा नहीं पाती। जब यह शुगर बड़ी आंत में पहुंचती है, तो वहां मौजूद बैक्टीरिया इसे फर्मेंट करते हैं, जिससे गैस बनती है। इसके अलावा, ब्रोकली FODMAPs (फर्मेंटेबल ओलिगोसेकेराइड्स, डिसैकराइड्स, मोनोसैकराइड्स और पॉलीओल्स) में भी उच्च होती है, जो IBS में क्या नहीं खाना चाहिए इसकी लिस्ट में प्रमुख हैं, क्योंकि ये लक्षण पैदा कर सकते हैं।
- क्या है समाधान?: यदि आपका पेट संवेदनशील है, तो कच्ची ब्रोकली खाने से बचें। इसे अच्छी तरह से पकाने से इसे पचाना आसान हो जाता है। शुरुआत में बहुत कम मात्रा में खाएं और देखें कि आपका शरीर कैसी प्रतिक्रिया देता है।

4. किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) का इतिहास
जिन लोगों को कैल्शियम ऑक्सालेट (Calcium Oxalate) वाले गुर्दे की पथरी का खतरा होता है या पहले हो चुकी है, उन्हें ब्रोकली का सेवन सीमित मात्रा में करने की सलाह दी जा सकती है।
- समस्या क्या है?: ब्रोकली में ऑक्सालेट नामक यौगिक होते हैं। जब शरीर में ऑक्सालेट की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है, तो यह मूत्र में कैल्शियम के साथ मिलकर क्रिस्टल बना सकता है, जो बाद में गुर्दे की पथरी का रूप ले लेते हैं। हालांकि, ब्रोकली में पालक या चुकंदर जितना ऑक्सालेट नहीं होता, फिर भी जोखिम वाले व्यक्तियों को सावधानी बरतनी चाहिए।
- क्या है समाधान?: यदि आप किडनी स्टोन के प्रति संवेदनशील हैं, तो अपने डॉक्टर या डाइटीशियन से बात करें कि आपके लिए ब्रोकली की कितनी मात्रा सुरक्षित है। साथ ही, खूब पानी पीना ऑक्सालेट को बाहर निकालने में मदद करता है।
विशेषज्ञ की राय
"कोई भी भोजन अपने आप में 'अच्छा' या 'बुरा' नहीं होता; यह व्यक्ति के स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर करता है। ब्रोकली अधिकांश लोगों के लिए एक अविश्वसनीय रूप से स्वस्थ भोजन है। लेकिन थायराइड की समस्या वाले लोगों या जो वार्फरिन जैसी दवाओं पर हैं, उनके लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि इसे कैसे और कितनी मात्रा में खाना है। यह निषेध के बारे में नहीं, बल्कि निजीकरण (personalization) और संतुलन के बारे में है।" - डॉ. प्रिया कुलकर्णी, रजिस्टर्ड डाइटीशियन, अपोलो हॉस्पिटल्स]
संतुलन और जागरूकता ही कुंजी है
ब्रोकली निसंदेह एक सुपरफूड है और इसके अनगिनत स्वास्थ्य लाभ हैं। अधिकांश लोगों के लिए, इसे अपने आहार में शामिल करना एक बहुत ही बुद्धिमानी भरा निर्णय है। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि “एक साइज सभी को फिट नहीं होता”।
यदि आप थायराइड की समस्या, IBS, किडनी स्टोन के जोखिम से जूझ रहे हैं या खून पतला करने की दवा ले रहे हैं, तो ब्रोकली खाने के नुकसान से बचने के लिए आपको जागरूक रहने की जरूरत है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप इसे पूरी तरह से छोड़ दें (जब तक कि आपका डॉक्टर विशेष रूप से सलाह न दे), बल्कि इसका मतलब है कि आप इसे पकाने के तरीके, इसकी मात्रा और सेवन की निरंतरता पर ध्यान दें। अपनी सेहत के बारे में सूचित निर्णय लेना ही स्वस्थ जीवन की कुंजी है, और इसके लिए अपने डॉक्टर या डाइटीशियन से बात करने से बेहतर कुछ नहीं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न/उत्तर
क्या ब्रोकली को पकाने से उसके सारे पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं?
नहीं। हालांकि, पानी में उबालने से कुछ पानी में घुलनशील विटामिन (जैसे विटामिन C) कम हो सकते हैं, लेकिन कई लाभकारी यौगिक बने रहते हैं। स्टीमिंग (भाप में पकाना) पोषक तत्वों को संरक्षित करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। साथ ही, पकाने से यह कुछ लोगों के लिए अधिक सुपाच्य और सुरक्षित हो जाता है।
ब्रोकली खाने के बाद गैस क्यों बनती है? क्या यह एलर्जी है?
आमतौर पर, यह एलर्जी नहीं है। यह ब्रोकली में मौजूद हाई फाइबर और रैफिनोज नामक शुगर के कारण होने वाली एक सामान्य पाचन प्रतिक्रिया है। आपका शरीर इसे पचाने के लिए गैस बनाता है। यह हानिकारक नहीं है, लेकिन असहज हो सकता है।
अगर मुझे इनमें से कोई बीमारी नहीं है, तो मैं कितनी ब्रोकली खा सकता हूँ?
यदि आपको कोई विशेष स्वास्थ्य समस्या नहीं है, तो ब्रोकली को एक विविध और संतुलित आहार के हिस्से के रूप में सुरक्षित रूप से खाया जा सकता है। सप्ताह में 2-3 बार एक कप पकी हुई ब्रोकली