इन 4 लोगों को दी जाती है सूखे नहीं, भिगोए हुए अखरोट खाने की सलाह, सेहत के लिए बन जाते हैं वरदान

bheege akhrot khane ke fayde

अखरोट, जिसे अंग्रेज़ी में Walnut कहा जाता है, न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि भिगोए हुए अखरोट का सेवन सूखे अखरोट की तुलना में अधिक फायदेमंद होता है। यह विशेष रूप से कुछ विशेष स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

इस लेख में, हम विस्तार से जानेंगे कि किन 4 प्रकार के लोगों को भिगोए हुए अखरोट का सेवन करना चाहिए, इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण क्या है, और इसे अपने आहार में कैसे शामिल किया जा सकता है।

भिगोए हुए अखरोट: क्यों और कैसे?

अखरोट में फाइटिक एसिड नामक एक यौगिक पाया जाता है, जो शरीर में खनिजों के अवशोषण को बाधित कर सकता है। अखरोट को पानी में भिगोने से यह फाइटिक एसिड कम हो जाता है, जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है।

भिगोने की विधि:

  1. 2-4 अखरोट लें।
  2. उन्हें एक कटोरी पानी में रातभर (6-8 घंटे) के लिए भिगो दें।
  3. सुबह छानकर सेवन करें।

किन 4 लोगों को भिगोए हुए अखरोट का सेवन करना चाहिए?

1. हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति

अखरोट में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड हृदय स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और हृदय रोग के जोखिम को कम करता है।

2. डायबिटीज़ के रोगी

अखरोट में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद फाइबर और प्रोटीन रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में सहायक होते हैं।

3. मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए

अखरोट को “ब्रेन फूड” भी कहा जाता है। इसमें मौजूद पॉलीफेनोल्स और विटामिन E मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं और न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों के जोखिम को कम करते हैं।

4. वजन प्रबंधन करने वाले व्यक्ति

अखरोट में उच्च मात्रा में फाइबर और प्रोटीन होता है, जो तृप्ति की भावना को बढ़ाता है और अधिक खाने से रोकता है। यह वजन प्रबंधन में सहायक होता है।

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भिगोए हुए अखरोट के अन्य स्वास्थ्य लाभ

भिगोए हुए अखरोट का सेवन कैसे करें?

सावधानियां

भिगोए हुए अखरोट का वैज्ञानिक आधार

अखरोट में फाइटिक एसिड (Phytic Acid) नामक एक यौगिक पाया जाता है, जो प्राकृतिक रूप से कई बीजों और नट्स में होता है। यह यौगिक “एंटी-न्यूट्रिएंट” के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह शरीर में आयरन, जिंक, कैल्शियम जैसे खनिजों के अवशोषण को बाधित कर सकता है। जब हम अखरोट को भिगोते हैं, तो यह फाइटिक एसिड पानी में घुलकर बाहर निकल जाता है, जिससे अखरोट और अधिक पोषक बन जाते हैं।

एक अध्ययन के अनुसार, भिगोने से अखरोट की एंटीऑक्सीडेंट क्षमता बढ़ जाती है और यह पाचन तंत्र के लिए अधिक अनुकूल हो जाता है। इसके अलावा, भिगोने से अखरोट में मौजूद एंजाइम इनहिबिटर्स भी निष्क्रिय हो जाते हैं, जो सामान्य रूप से पाचन को धीमा करते हैं। इससे शरीर इन पोषक तत्वों को आसानी से तोड़कर अवशोषित कर सकता है।

अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन E, और पॉलीफेनोल्स जैसे यौगिक होते हैं जो मस्तिष्क और हृदय के लिए फायदेमंद होते हैं। लेकिन जब इन्हें बिना भिगोए खाया जाता है, तो इन पोषक तत्वों का पूरी तरह लाभ नहीं मिल पाता।

इसलिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो:

भिगोए हुए अखरोट पोषण और पाचन के लिहाज से सूखे अखरोट से ज्यादा प्रभावी होते हैं।

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भिगोए हुए अखरोट से जुड़े मिथक और सच्चाई

अखरोट को लेकर कई धारणाएं प्रचलित हैं—कुछ सही हैं, लेकिन कई केवल सुनी-सुनाई बातें हैं। जब बात आती है भिगोए हुए अखरोट की, तो कई लोग इसे अनावश्यक मानते हैं, जबकि कुछ इसे किसी चमत्कारी औषधि की तरह प्रस्तुत करते हैं। सच यह है कि भिगोए हुए अखरोट का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है, लेकिन केवल तभी जब इसे संतुलित मात्रा में और सही तरीके से खाया जाए। नीचे कुछ आम मिथक और उनसे जुड़ी सच्चाई प्रस्तुत हैं:

मिथक और सच्चाई:

मिथक 1: अखरोट को भिगोना कोई फर्क नहीं लाता।

सच्चाई:
भिगोने से अखरोट में मौजूद फाइटिक एसिड और एंजाइम इनहिबिटर्स हट जाते हैं, जिससे यह आसानी से पचने योग्य और पोषक बन जाता है। यह बात कई वैज्ञानिक शोधों द्वारा प्रमाणित है।

मिथक 2: अखरोट खाने से वजन तेजी से बढ़ता है।

सच्चाई:
अखरोट में हेल्दी फैट्स होते हैं जो शरीर को ऊर्जा तो देते हैं, लेकिन यदि सीमित मात्रा (2-4 अखरोट/दिन) में खाए जाएं, तो ये वजन नहीं बढ़ाते। उल्टा ये मेटाबॉलिज्म को सुधारते हैं

मिथक 3: बच्चों को अखरोट नहीं देना चाहिए।

सच्चाई:
भिगोए हुए अखरोट बच्चों के ब्रेन डेवलपमेंट के लिए फायदेमंद होते हैं। लेकिन बच्चों को शुरुआत में कम मात्रा में और चबाने योग्य अवस्था में देना चाहिए, ताकि उन्हें निगलने में दिक्कत न हो।

मिथक 4: भिगोए अखरोट का असर तुरंत दिखाई देता है।

सच्चाई:
यह एक धीमी लेकिन स्थायी प्रक्रिया है। नियमित सेवन से मस्तिष्क की शक्ति, हड्डियों की मजबूती और इम्यूनिटी पर सकारात्मक असर पड़ता है, लेकिन इसे चमत्कारिक न मानें।

मिथक 5: गर्म तासीर वाले लोग अखरोट नहीं खा सकते।

सच्चाई:
गर्म तासीर वाले लोग भी अखरोट खा सकते हैं, अगर उन्हें भिगोकर खाया जाए या दूध/मिश्री के साथ लिया जाए। यह गर्मी को संतुलित करता है।

मिथक 6: अखरोट केवल सर्दियों में ही खाना चाहिए।

सच्चाई:
सर्दियों में यह जरूर ज्यादा लाभदायक है, लेकिन भिगोए हुए अखरोट को गर्मियों में भी खाया जा सकता है, बशर्ते मात्रा नियंत्रित हो और शरीर की प्रकृति के अनुसार लिया जाए।

महत्वपूर्ण सलाह:

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न/उत्तर

क्या भिगोए हुए अखरोट का सेवन सभी उम्र के लोग कर सकते हैं?

हाँ, लेकिन बच्चों और बुजुर्गों को सेवन से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

क्या भिगोए हुए अखरोट को फ्रिज में स्टोर किया जा सकता है?

हाँ, आप इन्हें 2-3 दिनों तक फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं।

क्या भिगोए हुए अखरोट का सेवन गर्मियों में किया जा सकता है?

हाँ, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन से बचें, क्योंकि अखरोट की तासीर गर्म होती है।

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