
How to improve Oral Health: दांत में अचानक उठने वाला तेज दर्द, सांसों की दुर्गंध जो आत्मविश्वास कम कर दे, या मसूड़ों से खून आना – ये कुछ ऐसी आम दंत समस्याएं हैं जो हमारे जीवन की गुणवत्ता पर गहरा असर डालती हैं। इन समस्याओं के लिए अक्सर हम तुरंत राहत पाने के लिए घरेलू नुस्खों की ओर भागते हैं। ऐसा ही एक बेहद प्रचलित और सदियों पुराना नुस्खा है लौंग और फिटकरी के पानी से गरारे या कुल्ला करना। कहा जाता है कि यह पेय दांत दर्द से लेकर मुंह की बदबू (dant kaise white karen) तक कई समस्याओं के लिए एक ‘रामबाण’ इलाज है।
लेकिन क्या यह पारंपरिक नुस्खा वाकई वैज्ञानिक रूप से प्रभावी और सुरक्षित है? इस लेख के लिए अपने शोध में, मैंने पाया कि इन दोनों सामग्रियों में कुछ शक्तिशाली औषधीय गुण होते हैं, जो अस्थायी राहत प्रदान कर सकते हैं। आइए, एक स्वास्थ्य पत्रकार के दृष्टिकोण से इसकी गहराई से पड़ताल करें और जानें कि लौंग और फिटकरी के फायदे (laung or fitkari ke fayde) क्या हैं, इस औषधीय पेय को बनाने और इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है, और यह कब और क्यों एक डेंटिस्ट के इलाज का विकल्प नहीं हो सकता।
जाने लौंग और फिटकरी के गुण
इस नुस्खे की प्रभावशीलता को समझने के लिए, हमें इसके दोनों मुख्य घटकों के गुणों को जानना होगा।
1. लौंग की शक्ति: ‘यूजेनॉल’ (Eugenol) का कमाल
लौंग का उपयोग दांत दर्द के लिए सदियों से किया जा रहा है, और इसका कारण है इसमें मौजूद एक जादुई यौगिक – यूजेनॉल (Eugenol)।
- दर्द निवारक (Analgesic): NCBI पर प्रकाशित कई अध्ययनों के अनुसार, यूजेनॉल में प्राकृतिक एनेस्थेटिक (सुन्न करने वाले) गुण होते हैं, जो दांत दर्द से तुरंत राहत दिला सकते हैं। यही कारण है कि कई डेंटल उत्पादों में भी इसका उपयोग किया जाता है।
- एंटी-माइक्रोबियल (Antimicrobial): इसमें शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो मुंह में उन बैक्टीरिया को मारने में मदद करते हैं जो प्लाक, कैविटी और सांसों की दुर्गंध का कारण बनते हैं।
2. फिटकरी के गुण: ‘एस्ट्रिंजेंट’ और ‘एंटी-माइक्रोबियल’
फिटकरी (Alum) को उसके कसैले (astringent) गुणों के लिए जाना जाता है।
- एस्ट्रिंजेंट (Astringent): इसका अर्थ है कि यह ऊतकों (tissues) को सिकोड़ने में मदद करती है। जब मसूड़ों में सूजन होती है या उनसे हल्का खून आता है (जिंजिवाइटिस), तो फिटकरी के पानी से कुल्ला करने पर यह मसूड़ों को कसने और रक्तस्राव को रोकने में मदद कर सकती है।
- एंटी-माइक्रोबियल (Antimicrobial): यह मुंह में बैक्टीरिया के विकास को भी रोकती है, जिससे मुंह की बदबू का इलाज करने में मदद मिलती है।
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लौंग और फिटकरी के फायदे: किन समस्याओं में मिल सकती है मदद? (Use of Clove and Alum for better oral health)
जब ये दोनों सामग्रियां मिलती हैं, तो वे मौखिक स्वास्थ्य की कुछ आम समस्याओं में अस्थायी राहत प्रदान कर सकती हैं।
- दांत दर्द से अस्थायी राहत: यह इसका सबसे बड़ा फायदा है। यदि आपके दांत में कैविटी के कारण दर्द है, तो लौंग का यूजेनॉल उस दर्द को कुछ समय के लिए सुन्न कर सकता है, जिससे आपको डेंटिस्ट के पास जाने तक का समय मिल जाता है।
- मुंह की दुर्गंध को करे कम: लौंग और फिटकरी दोनों के एंटी-बैक्टीरियल गुण उन बैक्टीरिया से लड़ते हैं जो भोजन के कणों को तोड़कर सल्फर कंपाउंड बनाते हैं, जो दुर्गंध का मुख्य कारण है।
- मसूड़ों की सूजन और हल्के रक्तस्राव में सहायक: शुरुआती मसूड़ों की सूजन (जिंजिवाइटिस) में, फिटकरी के कसैले गुण सूजन को कम करने और हल्के रक्तस्राव को रोकने में मदद कर सकते हैं।
- दांतों के पीलेपन पर इसका असर: एक मिथक? एक आम दावा है कि यह दांतों को सफेद करता है (Brush Karne Ka Sahi Tarika)। यह पूरी तरह सच नहीं है। फिटकरी थोड़ी अपघर्षक (abrasive) हो सकती है और सतह के कुछ हल्के दाग-धब्बों को हटा सकती है, लेकिन यह दांतों के प्राकृतिक रंग को नहीं बदल सकती। इसका अत्यधिक उपयोग दांतों की सबसे ऊपरी और सुरक्षात्मक परत, यानी इनेमल (Enamel) को नुकसान पहुंचा सकता है।
लौंग और फिटकरी का इस्तेमाल करने का सुरक्षित तरीका
एक आम सवाल जो पाठक अक्सर पूछते हैं, वह है कि इसे कैसे बनाया जाए। सुरक्षा के लिए सही मात्रा का उपयोग करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सामग्री:
- गुनगुना पानी: 1 बड़ा गिलास (लगभग 250 मि.ली.)
- लौंग: 2-3
- फिटकरी: एक मटर के दाने जितना छोटा टुकड़ा या एक चुटकी पाउडर
विधि:
- लौंग को हल्का सा कूट लें ताकि उसका तेल निकल सके।
- एक गिलास गुनगुने पानी में कुटी हुई लौंग और फिटकरी का टुकड़ा/पाउडर डालें।
- इसे अच्छी तरह मिलाएं जब तक कि फिटकरी घुल न जाए।
- इस पानी को मुंह में भरकर 30-40 सेकंड के लिए घुमाएं और गरारे करें।
- पानी को पूरी तरह से बाहर थूक दें। इसे निगलने की गलती बिल्कुल न करें।
सावधानी: इस माउथवॉश का उपयोग रोजाना और लंबे समय तक करने की सलाह नहीं दी जाती है। इसे केवल जरूरत पड़ने पर या हफ्ते में 2-3 बार ही इस्तेमाल करें।
डेंटिस्ट के पास कब जाएं
यह समझना सबसे महत्वपूर्ण है कि यह घरेलू नुस्खा केवल लक्षणों से अस्थायी राहत देता है, बीमारी की जड़ का इलाज नहीं करता।
- दांत दर्द: यदि दर्द कैविटी के कारण है, तो लौंग सिर्फ दर्द को दबाएगी, सड़न को नहीं रोकेगी। बिना इलाज के कैविटी बढ़ती जाएगी और अंततः आपको रूट कैनाल या दांत निकलवाने की नौबत आ सकती है।
- मसूड़ों से खून आना: यह जिंजिवाइटिस या पेरियोडोंटाइटिस जैसी मसूड़ों की बीमारी का लक्षण हो सकता है। फिटकरी सिर्फ ऊपर से रक्तस्राव को रोक सकती है, लेकिन दांतों पर जमे टार्टर (tartar) को साफ नहीं कर सकती, जो इस बीमारी का मुख्य कारण है। इसके लिए प्रोफेशनल डेंटल क्लीनिंग की आवश्यकता होती है।
विशेषज्ञ की राय
“घरेलू उपचार जैसे लौंग और फिटकरी के कुल्ले, दांत दर्द या मसूड़ों की मामूली सूजन जैसे लक्षणों से अस्थायी राहत दे सकते हैं। हालांकि, वे एक घाव पर बैंड-एड की तरह हैं। वे कैविटी या मसूड़ों की बीमारी का इलाज नहीं करते। पेशेवर उपचार में देरी करने से समस्याएं और भी गंभीर और महंगी हो सकती हैं, जिसमें दांत खोना भी शामिल है।” – डॉ. नेहा बंसल, BDS, MDS (पेरियोडोंटिस्ट)
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
इस माउथवॉश का उपयोग कितनी बार करना सुरक्षित है?
इसे नियमित दैनिक उपयोग के लिए नहीं बनाया गया है। दांत दर्द या मसूड़ों में सूजन जैसी समस्या होने पर दिन में 1-2 बार, 2-3 दिनों के लिए उपयोग करें। यदि समस्या बनी रहती है, तो तुरंत डेंटिस्ट से मिलें।
क्या गलती से थोड़ा सा पानी निगलना खतरनाक है?
बहुत थोड़ी मात्रा शायद नुकसान न करे, लेकिन फिटकरी पेट में जाने के लिए नहीं बनी है और इससे पेट खराब या उल्टी हो सकती है। इसे हमेशा पूरी तरह से बाहर थूक देना चाहिए।
क्या यह कैविटी को खत्म कर सकता है?
नहीं, बिल्कुल नहीं। कोई भी माउथवॉश दांत में हो चुके गड्ढे (कैविटी) को भर या ठीक नहीं कर सकता है। इसके लिए डेंटल फिलिंग ही एकमात्र उपाय है।
निष्कर्ष (Conclusion)
लौंग और फिटकरी के फायदे इसे एक प्रभावी पारंपरिक प्राकृतिक माउथवॉश बनाते हैं, जो आपको दांत दर्द और मसूड़ों की मामूली समस्याओं से अस्थायी राहत दिला सकता है। यह आपकी फर्स्ट-एड किट का हिस्सा हो सकता है, लेकिन आपकी डेंटल केयर रूटीन का नहीं।
आपकी मुस्कान की असली सुरक्षा और सेहत का ‘रामबाण’ इलाज नियमित रूप से फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट से ब्रश करना, रोजाना फ्लॉस करना और हर छह महीने में अपने डेंटिस्ट से जांच कराना है। पारंपरिक ज्ञान का उपयोग अस्थायी आराम के लिए समझदारी से करें, लेकिन अपने मौखिक स्वास्थ्य के स्थायी समाधान के लिए हमेशा आधुनिक दंत चिकित्सा पर भरोसा करें।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्यों के लिए है और यह पेशेवर दंत चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। दांतों या मसूड़ों से जुड़ी किसी भी समस्या के स्थायी समाधान के लिए हमेशा एक योग्य डेंटिस्ट (दंत चिकित्सक) से सलाह लें।