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सिर्फ 15 मिनट घास पर नंगे पैर चलें, तनाव, दर्द और नींद की समस्या में मिल सकता है आराम

benefits of barefoot on grass

Walking On Grass Benefits: बचपन की वो यादें याद हैं, जब हम पार्कों में या अपने घर के लॉन में बिना किसी फिक्र के नंगे पैर दौड़ा करते थे? घास की ठंडक और गुदगुदी का एहसास आज भी शायद हमें सुकून देता है। लेकिन आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में, हमने जूतों और चप्पलों की ऐसी कैद अपना ली है कि हमारा धरती से सीधा संपर्क ही टूट गया है। पर क्या आप जानते हैं कि जिस आदत को हमने बचपन में छोड़ दिया, वह असल में हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक शक्तिशाली thérapie (थेरेपी) हो सकती है?

इस लेख के लिए अपने शोध में, मैंने पाया कि घास पर नंगे पैर चलने के फायदे (Ghas par nange paer chalne ke fayde) सिर्फ एक पारंपरिक मान्यता नहीं हैं, बल्कि अब आधुनिक विज्ञान भी इसके पीछे के कारणों को समझने की कोशिश कर रहा है। इस प्रक्रिया को ‘अर्थिंग’ या ‘ग्राउंडिंग’ कहा जाता है। आइए, आज एक स्वास्थ्य पत्रकार के दृष्टिकोण से इस सरल लेकिन प्रभावशाली आदत के हर पहलू को समझते हैं – इसके पीछे का विज्ञान क्या है, इससे सेहत को क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं, और इसे करते समय किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए।

क्या है ‘अर्थिंग’ या ‘ग्राउंडिंग’?

अर्थिंग या ग्राउंडिंग क्या है? यह एक बहुत ही सरल अवधारणा है। इसका मतलब है अपने शरीर को पृथ्वी की सतह के सीधे संपर्क में लाना – यानी नंगे पैर मिट्टी, रेत या घास पर चलना।

  • वैज्ञानिक सिद्धांत: इस सिद्धांत के समर्थकों का मानना है कि पृथ्वी की सतह पर एक प्राकृतिक, हल्का नकारात्मक विद्युत आवेश (negative electrical charge) होता है। हमारे शरीर में चयापचय (metabolism) की प्रक्रियाओं के कारण फ्री रेडिकल्स (free radicals) बनते हैं, जिन पर सकारात्मक आवेश होता है। जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंटल एंड पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित कुछ अध्ययनों के अनुसार, जब हम नंगे पैर धरती के संपर्क में आते हैं, तो पृथ्वी से निकलने वाले इलेक्ट्रॉन हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। ये इलेक्ट्रॉन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं और शरीर में मौजूद हानिकारक फ्री रेडिकल्स को बेअसर कर देते हैं, जिससे सूजन (inflammation) और तनाव कम होता है।
  • वर्तमान स्थिति: यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ‘अर्थिंग’ पर हुआ शोध अभी भी प्रारंभिक चरण में है और इसे पूरी तरह से सिद्ध करने के लिए और अधिक बड़े पैमाने पर अध्ययन की आवश्यकता है।

घास पर नंगे पैर चलने के 5 बड़े फायदे (Benefits Of Walking Barefoot On Grass)

चाहे आप अर्थिंग के सिद्धांत पर विश्वास करें या न करें, नंगे पैर घास पर चलने के कई अन्य सिद्ध स्वास्थ्य लाभ भी हैं।

1. तनाव और चिंता में कमी

यह सबसे तत्काल महसूस होने वाले लाभों में से एक है।

  • कैसे काम करता है?: प्रकृति के हरे-भरे वातावरण में समय बिताना अपने आप में एक शक्तिशाली तनाव कम करने के उपाय में से एक है। जब आपके पैर घास के नरम स्पर्श को महसूस करते हैं, तो यह आपके तंत्रिका तंत्र को शांत करता है। कुछ अध्ययनों ने यह भी संकेत दिया है कि ग्राउंडिंग ‘कोर्टिसोल’ (cortisol) नामक स्ट्रेस हार्मोन के स्तर को सामान्य करने में मदद कर सकती है।
benefits of walking barefoot in grass at morning

2. सूजन (Inflammation) को कम करने में मददगार

शरीर में पुरानी सूजन कई गंभीर बीमारियों जैसे हृदय रोग, मधुमेह और गठिया की जड़ मानी जाती है।

  • कैसे काम करता है?: ‘अर्थिंग’ के सिद्धांत के अनुसार, पृथ्वी से मिलने वाले इलेक्ट्रॉन शरीर में सूजन पैदा करने वाले फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय कर देते हैं। हालांकि यह शोध का विषय है, लेकिन प्रकृति में समय बिताने और हल्की शारीरिक गतिविधि से भी सूजन को कम करने में मदद मिलती है।

3. बेहतर नींद की गुणवत्ता

यदि आप रात में ठीक से सो नहीं पाते हैं, तो सुबह कुछ देर घास पर चलना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

  • कैसे काम करता है?: कुछ छोटे अध्ययनों में पाया गया है कि ग्राउंडिंग शरीर की प्राकृतिक सर्कैडियन लय (circadian rhythm) यानी हमारी ‘बॉडी क्लॉक’ को रीसेट करने में मदद कर सकती है। यह कोर्टिसोल के स्तर को नियंत्रित करके और मेलाटोनिन (sleep hormone) के उत्पादन को बेहतर बनाकर नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।
nange paer chalne ke fayde

4. पैरों के स्वास्थ्य और शारीरिक संतुलन में सुधार

हमारे पैर एक जटिल संरचना हैं, लेकिन जूते उन्हें कमजोर बना देते हैं।

  • कैसे काम करता है?: नंगे पैर चलने से आपके पैरों की छोटी-छोटी मांसपेशियां, लिगामेंट्स और टेंडन्स सक्रिय होते हैं और मजबूत बनते हैं। यह आपके चलने के तरीके (gait), शारीरिक मुद्रा (posture) और संतुलन (balance) में सुधार करता है।

5. आंखों की रोशनी वाला दावा:

यह एक बहुत ही प्रचलित मान्यता है कि सुबह ओस वाली घास पर नंगे पैर चलने से आंखों की रोशनी तेज होती है।

  • सच्चाई क्या है?: एक जिम्मेदार पत्रकार के तौर पर, यह बताना मेरा कर्तव्य है कि इस दावे का कोई सीधा वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। हालांकि, इसके कुछ अप्रत्यक्ष फायदे हो सकते हैं। एक्यूप्रेशर और रिफ्लेक्सोलॉजी के सिद्धांतों के अनुसार, हमारे पैरों के तलवों में कई ऐसे बिंदु होते हैं जो शरीर के विभिन्न अंगों से जुड़े होते हैं, जिनमें आंखें भी शामिल हैं। घास पर चलने से इन बिंदुओं पर दबाव पड़ता है। इसके अलावा, सुबह के समय हरे रंग को देखना आंखों को सुकून देता है और तनाव कम करता है, जो आंखों की रोशनी के लिए घरेलू उपाय के रूप में काम कर सकता है।
ghaas me chalne ke fayde

विशेषज्ञ की राय

"बायोमैकेनिकल दृष्टिकोण से, प्राकृतिक सतहों पर नंगे पैर चलना पैरों की आंतरिक मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए उत्कृष्ट है, जो अक्सर आधुनिक जूते-चप्पलों के कारण कमजोर हो जाती हैं। हालांकि 'अर्थिंग' पर शोध अभी भी उभर रहा है, लेकिन तनाव में कमी और बेहतर स्वास्थ्य की वास्तविक रिपोर्टें महत्वपूर्ण हैं। यह एक सरल, मुफ्त अभ्यास है जो माइंडफुलनेस और प्रकृति के साथ जुड़ाव को प्रोत्साहित करता है, जिसके अपने सिद्ध स्वास्थ्य लाभ हैं।" - डॉ. विवेक Sinclair, फिजियोथेरेपिस्ट और वेलनेस एक्सपर्ट, नई दिल्ली

नंगे पैर चलने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

इस सरल आदत का लाभ उठाने के लिए कुछ सावधानियां बरतना भी जरूरी है।

  • सही जगह चुनें: हमेशा एक साफ और सुरक्षित जगह चुनें, जैसे आपका अपना लॉन या कोई साफ-सुथरा पार्क। सार्वजनिक स्थानों पर कांच, पत्थर या अन्य नुकीली चीजों का खतरा हो सकता है।
  • साफ-सफाई का ध्यान रखें: ऐसी जगह पर चलने से बचें जहाँ जानवरों का मल-मूत्र हो। कुछ परजीवी (parasites) जैसे हुकवर्म त्वचा के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
  • मधुमेह के रोगी सावधान रहें: यदि आपको डायबिटीज है, तो आपको नंगे पैर चलने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। न्यूरोपैथी (पैरों की नसों का सुन्न होना) के कारण चोट लगने का पता नहीं चल पाता, जिससे गंभीर संक्रमण हो सकता है।
  • धीरे-धीरे शुरू करें: यदि आपको नंगे पैर चलने की आदत नहीं है, तो शुरुआत में केवल 5-10 मिनट चलें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
  • पैर धोना न भूलें: घास पर चलने के बाद हमेशा अपने पैरों को अच्छी तरह से धोकर सुखा लें।
घांस पर नंगे पैर चलने के फायदे

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

दिन का कौन सा समय नंगे पैर चलने के लिए सबसे अच्छा है?

सुबह का समय सबसे अच्छा माना जाता है, जब घास ठंडी और ओस से भीगी होती है और सूरज की किरणें हल्की होती हैं। हालांकि, आप किसी भी समय चल सकते हैं जब तक कि जमीन का तापमान आरामदायक हो।

क्या सूखी घास पर चलना भी उतना ही फायदेमंद है?

पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने और संतुलन में सुधार के लिए यह फायदेमंद है। हालांकि, ‘अर्थिंग’ के सिद्धांत के अनुसार, नमी वाली या ओस से भीगी घास इलेक्ट्रॉनों की बेहतर संवाहक होती है।

कितनी देर और कितनी बार चलना चाहिए?

शुरुआत में सप्ताह में कुछ दिन 10-15 मिनट से शुरू करें। जैसे-जैसे आपके पैर अभ्यस्त होते जाएं, आप समय बढ़ा सकते हैं। नियमितता अवधि से अधिक महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष:

घास पर नंगे पैर चलने के फायदे शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर महसूस किए जा सकते हैं। यह पैरों को मजबूत करने, तनाव को कम करने और प्रकृति के साथ एक गहरा संबंध महसूस करने का एक मुफ्त और सुलभ तरीका है। ‘अर्थिंग’ का उभरता हुआ विज्ञान इसके पीछे के गहरे लाभों की ओर इशारा करता है, जो हमें यह याद दिलाता है कि हम इस धरती का ही एक हिस्सा हैं।

तो, अगली बार जब आपको मौका मिले, तो कुछ मिनटों के लिए अपने जूते उतारें और अपने पैरों को धरती को छूने का मौका दें। बस थोड़ी सी सावधानी के साथ, यह छोटी सी आदत आपके समग्र स्वास्थ्य और कल्याण में एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव ला सकती है।

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